आयुष गोयल
Pakistan’s Mewat Riot Connection:मेवात दंगों की चल रही जांच में कथित तौर पर हिंसा भड़काने का पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है।
मेवात दंगों में कथित रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जांच के दौरान पाकिस्तान से जुड़े लगभग एक दर्जन Social Media समूह पुलिस के रडार पर आ गये हैं। ये ग्रुप WhatsApp, Facebook, Twitter तथा Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाये जा रहे हैं और हरियाणा, यूपी और राजस्थान के मेवात क्षेत्र से इनके हज़ारों फॉलोअर्स हैं।
ये समूह कथित तौर पर दैनिक प्रसारण के माध्यम से नफ़रत का प्रचार कर रहे हैं। समूहों ने न केवल दंगों के दौरान बदमाशों को इस समुदाय के लिए ‘सब कुछ समर्पित’ करने के लिए उकसाया, बल्कि हमले के बाद जश्न मनाने वाले संदेशों की बाढ़ आ गयी। पकड़े गए अधिकांश आरोपी इन समूहों के सक्रिय सदस्य पाये गये हैं।
एक दर्जन में से एक YouTube Account ” Ahsan Mewati Pakistani” के नाम से था। उसके वीडियो विशेष रूप से सोशल मीडिया फ़ीड का उपयोग करके तैयार किए गए थे, जो 31 जुलाई को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जब मेवात के नूंह ज़िले में दंगे शुरू हुए थे। इस चैनल के ख़िलाफ़ शिकायतों के जवाब में इसे YouTube द्वारा हटा दिया गया है। अब हटा दिया गया YouTube चैनल, 273 वीडियो और 80,000 फॉलोअर्स के साथ हाल ही में हरियाणा सांप्रदायिक अशांति के दौरान गलत सूचना फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित था।
नूंह एसपी नरेंद्र बिजारनिया ने कहा, “हां, हमारे पास नूंह में भड़काने के लिए पाकिस्तान से चलाए जा रहे सोशल मीडिया अकाउंट जांच के दायरे में हैं। हालांकि, अधिकांश चैट या प्रसारण हटा दिए गए हैं, हम इसे पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने इन एकाउंट से झड़पों के वीडियो भी बरामद किए हैं, जिससे हमें आरोपियों की पहचान करने में मदद मिली है।”
Mewat violence:
At least 12 social media groups/accounts traced to Pakistan played a major role in Nuh violence.
A man Ahsan Mewati Pakistani was giving instructions for violent attacks against Jalabhishek Yatra in Nuh. He runs 2 YouTube Channels & 1 Facebook page from Pakistan pic.twitter.com/mlpQbJSFOu
— Anshul Saxena (@AskAnshul) August 10, 2023
ये एकाउंट राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के भी रडार पर हैं। राजस्थान पुलिस भी अलर्ट पर है और अलवर और भरतपुर ज़िलों में कई फ़ोलोअर के साथ इसी तरह के एकाउंट की जांच कर रही है।
ग़ौरतलब है कि समूहों में शेयर किए गए लगभग 40 वॉयस संदेशों की साइबर सेल द्वारा जांच की जा रही है, जहां भीड़ को स्थानीय नेताओं द्वारा हमला करने और हत्या करने के लिए उकसाया गया था। वायरल हुए 2 मिनट 50 सेकंड के ऑडियो क्लिप में से एक में एक स्थानीय नेता भीड़ को नलहर मंदिर पर हमला करने के लिए कह रहा है।
एक समूह पर पोस्ट किए गए ऑडियो मैसेज़ में से एक में कहा गया है, “मेव कायरों का समुदाय नहीं है और यह इसे साबित करने का समय है। वे इस समय यहां 200 हैं, सबक सिखाने और प्रभाव पैदा करने के लिए कम से कम 20 को मारो। सभी को शिंगार मंदिर में इकट्ठा करो। अपने परिवार, धन, बच्चों आदि के मोह से बाहर निकलो, क्योंकि एक दिन सभी को मरना ही है, इसलिए अपने समुदाय के लिए मरो। हमला करते समय कोई भी वीडियो शूट न करो। वीडियो की लत आप लोगों के लिए एक बड़ी समस्या है।”
इससे पहले कि सरकार इंटरनेट बंद कर पाती, कारों और उनके स्थानों के वीडियो व्हाट्सएप समूहों में शेयर किए गए और स्थानीय बदमाशों को इकट्ठा होने, रोकने और हमला करने के लिए कहा गया। ऐसे ऑडियो मैसेज भी थे, जिनमें दंगाइयों से चेहरे ढकने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था,ताकि वे किसी भी वीडियो में क़ैद न हों।
दरअसल, उसी दिन कई व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए थे और आरोपी इनका हिस्सा थे। मैसेज तो हटा दिए गए थे, लेकिन साइबर सेल विशेषज्ञों की मदद से उन्हें पुनर्प्राप्त कर रहा है।