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क्या आपको मालूम है पद्मनाभ मंदिर के 7वें दरवाजे पर आखिर कितना खजाना?

पद्मनाभ मंदिर का 7वां दरवाजा

भारत में अब भी बहुत से ऐसे रहस्य हैं, जिनका जवाब किसी को भी नहीं मिल पाया है। कई धार्मिक स्थान ऐसे भी है जिसके रहस्य आज तक भी वैसे के वैसे ही हैं और अभी बहुत कुछ रिसर्च करना बाकी है। इन रहस्यों में से एक है देश के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) का श्रीपद्मनाभ स्वामी  मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple) का सातवां दरवाजा। अमीर मंदिर की वजह से सुर्खियों में रहने वाले इस मंदिर में एक गेट है। यह गेट अभी तक खुला नहीं है और कहा जाता है कि अगर ये गेट खुल जाए तो इसमें इतना खजाना निकलेगा कि भारत एक बार फिर अमीर हो सकता है।

दरअसल, इस खजाने को लेकर कई तरह के दावे किये जाते हैं। वैसे आपके मन में भी ये सवाल जरूर होगा अगर इस गेट के पीछे इतना बड़ा खजाना है तो फिर इस गेट को खोल क्यों नहीं लिया जाता। क्योंकि इस गेट को खोलना कोई आसान बात नहीं है और इस पर लगातार चर्चा होती रहती है। ऐसे में जानते हैं कि ये गेट किस तरह से बंद है, इस गेट की क्या खास बात है और ये जिस खजाने का गेट है, उसमें कितना पैसा हो सकता है?

इस मंदिर की कहानी?

भगवान विष्णु का ये मंदिर 6वीं सदी में त्रावणाकोर के राजाओं ने बनवाया था, जिसका जिक्र 9वीं सदी के ग्रंथों में मिलता है। कहा जाता है कि इन राजाओं ने इस मंदिर में ही अपना सारा खजाना छुपा रखा है। अब राजघराना ही मंदिर की देखरेख का काम करता है। इस मंदिर में 7 तहखाने हैं, जिसमें से 6 तहखानों को खोला जा जुका है और उसमें काफी बहुमूल्य सामान मिला है। अभी इसका सातवां गेट खोला जाना बाकी है और अभी इसे खोले जाने पर रोक है।

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अगर इस गेट की बात करें तो इसे लेकर कहा जाता है कि इसकी सांप रक्षा करते हैं और किसी को दरवाजा खोलने नहीं देते हैं। मान्यताओं के अनुसार, एक बार इसे खोलने की कोशिश की गई तो सांप के काटने से उनकी मौत हो गई थी। दरअसल ये दरवाजा स्टील का बना हुआ है और इस पर दो सांप बने हुए हैं। इस दरवाजे के लिए ये भी कहा जाता है कि इसमें कोई ताला नहीं लगा हुआ है और इसे खोलने का कोई अलग तरीका है।

ये गेट कौन खोल सकता है?

इस गेट के लिए कहा जाता है कि इसे खोलने का काम कोई सिद्ध व्यक्ति ही कर सकती है और अभी तक ऐसा कोई शख्स नहीं मिला है। इस गेट को खोले जाने में रिस्क होने की वजह से इसे खोला नहीं गया है और अभी कई अनुमतियों के बाद ही इसे खोला जा सकता है। इसे कई लोग शापित तहखाना भी मानते हैं।