वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की कि सरकार नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का विशेष सिक्का जारी करेगी।
यह सिक्का भारत की आज़ादी के 75 साल पूरे होने पर एक श्रद्धांजलि के रूप में भी समर्पित किया जायेगा।
सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर होगा, जिसके नीचे “सत्यमेव जयते” खुदा होगा। बायीं ओर देवनागरी लिपि में “भारत” और दायीं ओर अंग्रेज़ी में “इंडिया” शब्द लिखा होगा। इस रुपये का प्रतीक और अंतर्राष्ट्रीय अंकों में 75 का मूल्यवर्ग लायन कैपिटल के नीचे दिखायी देगा।
सिक्के के दूसरे पहलू के ऊपरी किनारे पर देवनागरी लिपि में “संसद संकुल” और निचली परिधि पर अंग्रेज़ी में “संसद परिसर” शब्दों के साथ संसद परिसर की एक छवि भी होगी।
35 ग्राम का यह सिक्का आकार में गोलाकार होगा और चार भाग वाले मिश्रधातु से बना होगा, जिसमें 50% चांदी, 40% तांबा, 5% निकल और 5% जस्ता शामिल है। इस सिक्के का व्यास 44 मिलीमीटर और किनारों के साथ 200 सेरेशन होगा।
इस नये संसद भवन का उद्घाटन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसके लिए होने वाले समारोह में 25 दलों के भाग लेने की उम्मीद है, वहीं कांग्रेस और आप जैसी अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने और समारोह से दूर रहने का फ़ैसला किया है, क्योंकि वे चाहते हैं कि राष्ट्रपति इस समारोह का उद्घाटन करें।
हालांकि, भाजपा ने बताया है कि कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी संसद में नये भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन किया था।
भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उद्घाटन का बहिष्कार करने के फ़ैसले की आलोचना करते हुए इसे “लोकतांत्रिक लोकाचार और हमारे महान राष्ट्र के संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान बताया है।
पुराना संसद भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था और अब यह 100 साल पुराना होने के करीब है। सांसदों के लिए दोनों सदनों में जगह की कमी से सदस्यों की कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए, लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से संसद के लिए एक नई इमारत बनाने का आग्रह किया।
संसद के नए भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था, नवनिर्मित संसद भवन रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और यह 888 सदस्यों को लोकसभा में और 384 सदस्यों को राज्यसभा में बैठने में सक्षम करेगा। भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है जो सदस्यों को अपने कार्यों को अधिक कुशलता से करने में मदद करेगी।
दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा।