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GST से खाना-पीना और दवाएं हुई सस्ती, क्या-क्या हुआ महंगा, जीएसटी में शामिल क्यों नहीं हुआ पेट्रोल-डीजल- देखें रिपोर्ट

GST Council Meeting

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक लखनऊ में हुई। इस बैठक में जीएसटी दरों पर चर्चा हुई। GST काउंसिल की बैठक के बाद पेट्रोल-डीजल को जीएसटी दायरे में शामिल करने से इनकार कर दिया गया। वहीं कोरोना ती दवाओं पर जीएसटी छूट 2021 के दिसंबर तक बढ़ा दिए गए हैं। जीएसटी परिषद की इस बैठक से पहले कई अटकलें थी कि इस बार शायद पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जाएगा और आम आदमी को ईंधन के आसमान छूते दाम से राहत मलेगी।

Swiggy, Zomato जैसी कंपनियों की फूड डिलीवरी पर जीएसटी देना होगा। पहले स्विगी और जोमैटो जैसी एग्रीगेटर कंपनियां जिन रेस्तरांओं से फूड कलेक्ट करती थीं, उन्हें ही टैक्स देना पड़ता था लेकिन अब इन कंपनियों को टैक्स देना होगा। जीएसटी परिषद ने रेलगाड़ी के इंजन और इससे जुड़े अन्य कुछ पार्ट्स पर जीएसटी की दर को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया है। ये फैसला इन वस्तुओं पर कर के ढांचे को सही करने के लिए लिया गया है। ऐसे में कर की इस बढ़ी लागत का बोझ आम आदमी पर पड़ सकता है।

जीएसटी परिषद की बैठक में हवाईजहाजों के आयात या उन्हें लीज पर लेने को लेकर कुछ निर्णय किए गए हैं। इससे दोहरे कराधान की समस्या से निजात मिलेगी।  कहा जा रहा है कि काउंसिल का यह फैसला संकट से जूझ रहे एविएशन सेक्टर को मंदी से निपटने में मदद करेगा।

सस्ती हुई दवाएं-Keytruda जैसी कैंसर की दवाओं पर GST रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। फार्मा डिपार्टमेंट की ओर से बताई गई 7 दवाओं पर 31 दिसंबर 2021 तक GST रेट 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इसके अलावा परिषद ने दो मंत्री समूह बनाने की बात कही है। इनमें से एक मंत्री समूह जीएसटी दरों से जुड़ी दिक्कतों और उन्हें तार्किक बनाने के समाधान पर रिपोर्ट तैयार करेगा।