केंद्रीय कर्मचारियों को पहले महंगाई भत्ता फिर एचआरए और टीए प्रमोशन मिलने के बाद अब फिर सैलरी बढ़ने का तोहफा मिलेगा। दरअसल, फिटमेंट फैक्टर बढ़ना तय हो गया है। इससे पहले साल 2016 में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया गया था। इसी साल 7वां वेतन आयोग भी लागू हुआ था। उस समय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 6000 रुपये से सीधे 18,000 रुपये हो गई थी। अब सरकार इस साल केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में फिर बढ़ोतरी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो इसी महीने केंद्र और राज्य कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ सकता है। फिटमेंट बढ़ने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में एक बार फिर बढ़ोतरी होगी।
फिटमेंट फैक्टर वो फैक्टर है जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से ज्यादा बढ़ जाती है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी भत्तों के अलावा उसकी बेसिक सैलरी और फिटमेंट फैक्टर से ही तय होती है। दरअसल, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि उनके फिटमेंट फैक्टर को 2.57 फीसदी से बढ़ाकर 3.68 फीसदी कर दिया जाए। उम्मीद है कि नए वित्तीय साल से पहले केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर का फैसला हो सकता है। इसके बाद कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी में भी इजाफा होगा।
फिटमेंट फैक्टर पर सहमति बनती है तो कर्मचारियों की सैलरी में भी बंपर इजाफा होगा। दरअसल, फिटमेंट फैक्टर बढ़ने से न्यूनतम वेतन भी बढ़ जाता है। फिलहाल कर्मचारियों को 2.57 फीसदी फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी मिल रही है। अब इसे बढ़ाकर 3.68 फीसदी किए जाने पर चर्चा चल है। उदारहरण के तौर पर, 18,000 रुपये न्यूनतम बेसिक सैलरी में भत्तों को जोड़कर 46,260 रुपये होते है। वहीं अगर फिटमेंट फैक्टर 3% के आधार पर जोड़ दिया जाएं तो 78000 रुपये होते है। यानी कुल मिलाकर कर्मचारियों की सैलरी में 31,740 रुपये का इजाफा होगा। ये कैलकुलेशन न्यूनतम बेसिक सैलरी पर किया गया है। अधिकतम सैलरी वालों का लाभ और ज्यादा होगा।