विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तोहफा दिया। लेकिन अब मोदी सरकार एक और नया तोहफा देने की तैयारी में जुटी है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने पर भी विचार कर रही है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर का ही इस्तेमाल होता है। जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये की जगह 26 हजार रुपये हो सकती है।
अगर बेसिक पे 18,000 रुपये से बढ़कर 26,000 रुपये हो जाता है तो मंहगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। महंगाई भत्ता बेसिक वेतन के 31 फीसदी के बराबर है। डीए का कैलकुलेशन डीए की दर को बेसिक पे से गुणा करके निकाला जाता है। यानी बेसिक वेतन बढ़ने से अपने आप महंगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा। अगर मोदी सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है तो कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी बढ़कर 26,000 हो सकती है। अगर बजट से पहले कैबिनेट की मंजूरी मिल जाती है तो हो सकता है कि बजट से पहले यह लागू भी कर दिया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कर्मचारी संगठन इस मामले में सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे जिसके बाद संभावना है कि न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा किया जा सकता है। गौरतलब है कि केंद्र और राज्य कर्मचारियों की लंबे समय से मांग है कि उनके फिटमेंट फैक्टर को 2।57 प्रतिशत से बढ़ाकर 3।68 प्रतिशत कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर को लेकर सरकार विचार कर सकती है।