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मुस्लिम देशों में रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है द कश्मीर फाइल्स, इंडिया में विरोध करने वालों को मिला करारा जवाब

मुस्लिम देशों में रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है द कश्मीर फाइल्स

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में इस वक्त एक ही फिल्म है जो देश के साथ पूरी दुनिया में धमाका मचाए हुए है। वो है विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' जो 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के खिलाफ घाटी में हुए अत्याचारों को दिखाया गया है। ये फिल्म कट्टरपंथियों के हलक से नहीं उतर रही है। क्योंकि, इसमें उनकी सच्चाई दिखाई गई है जिसके चलते वो बौखला उठे हैं। इस फिल्म को लेकर कई लोगों ने जमकर विरोध किया लेकिन, सच्चाई कहां छुपती और दबती है। यही फिल्म अब मुस्लिम देशों में रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है।

विवेक अग्रिहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' बॉलीवुड की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बनकर उभरी है और बॉक्स ऑफिस पर अब भी धमाल मचाए हुए है। ये फिल्म अब UAE में रिलीज होने जा रही है। इसपर विवेक अग्रिहोत्री ने कहा है कि, एक इस्लामी देश में चार हफ्ते की जांच के बाद फिल्म पास हो गया, जबकि कुछ भारतीय फिल्म को इस्लामोफोबिक बता रहे हैं। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर दुनिया भर में 250 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है। अब एक बड़ी उपलब्धि में फिल्म को संयुक्त अरब अमीरात में बिना किसी कट के पारित कर दिया गया है। इसके साथ ही यह फिल्म जल्द ही सिंगापुर में भी रिलीज होगी। विवेक अग्निहोत्री ने इसकी जानकारी ट्विटर के जरिए दी है।

ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि, यह बड़ी जीत है। संयुक्त अरब अमीरात से सेंसर की मंजूरी मिल गई। वो भी बिना किसी कट के 15+ रेटिंग दी गई। 7 अप्रैल (गुरुवार) को रिलीज हो रही है। अब अगला नंबर सिंगापुर का है। UAE में इस जीत पर बोलते हुए उन्होंने उन लोगों को भी जवाब दिया है जिन्होंने फिल्म को 'इस्लामोफोबिक' करार दिया है। उन्होंने कहा कि, भारत में कुछ लोग इसे इस्लामोफोबिक कह रहे हैं, लेकिन एक इस्लामिक देश में 4 सप्ताह की जांच के बाद उसे 0 कट और 15+ दर्शकों के लिए पारित किया है। भारत में यह 18+ के लिए है।

इसके साथ ही उन्होंने फिल्म का विरोध करने वालों के बारे में कहा है कि, द कश्मीर फाइल्स मानवता के बारे में है। सिंगापुर में भी ऐसा ही हुआ है, जहां करीब तीन हफ्ते लग गए। मुस्लिम समूहों के बहुत सारे प्रतिनिधित्व थे, लेकिन तब उनके सेंसर के प्रमुख ने कहा कि, फिल्म में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। इसे सभी को देखना चाहिए। यही बात संयुक्त अरब अमीरात के साथ भी है। कई बार जांच की लेकिन वे सभी कह रहे हैं कि यह फिल्म मानवता के बारे में है। यह फिल्म आतंकवाद के खिलाफ है इसलिए इसे सभी को देखना चाहिए। लेकिन, भारत में कुछ लोग जो इशे देखे बिना इसका विरोध कर रहे हैं। इसे इस्लामोफोबिक कह रहे हैं। वे या तो आतंकवादी समूहों का हिस्सा हैं या उनका दिमाग खराब है।