दुनियाभर समेत भारत में थाइराइड (Thyroid) बीमारी के मामले हर साल तेजी से बढ़ रहे हैं। थाइराइड की वजह से ट्यूमर की परेशानी हो सकती है, जो जानलेवा होता है। इससे बचाव के लिए समय रहते इलाज की जरूरत होती है। थाइराइड के कुछ मरीजों की गले और गर्दन के आसपास के हिस्सों में सूजन आ जाती है, जो ट्यूमर का रूप लेती है। ये ट्यूमर कैंसर का कारण भी बन सकता है, जिसको थाइराइड कैंसर कहते हैं। थायराइड कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की जाती है। इसके लिए थायराइड ग्लैंड सी सर्जरी हेमी-थायराइडेक्टॉमी की जाती है। हेमी-थायराइडेक्टॉमी में ट्यूमर वाली आधी थाइराइड ग्लैंड को हटाया जाता है। वहीं, टोटल थायराइडेक्टॉमी (Thyroidectomy) में पूरी थायराइड ग्लैंड को ही हटा दिया जाता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल साकेत में हेड एंड नेक कैंसर सर्जन डॉ. अक्षत मलिक बताते हैं किथायराइडेक्टॉमी में गर्दन में चीरा लगाकर थायराइड ग्लैंड को हटा दिया जाता है। वहीं, स्कारलेस थायराइडेक्टॉमी सर्जरी वो प्रोसेस है जिसमें गर्दन पर कोई निशान नहीं आता। इसके लिए डॉक्टर रोबोटिक सर्जरी का भी सहारा लेते हैं। रोबोटिक सर्जरी से ऑपरेशन बेहतर तरीके से होता है, इससे कम ब्लड लॉस होता है। इस सर्जरी में वोकल कॉर्ड को बचाने में आसानी होती है। मरीज की रिकवरी भी तेजी से होती है। ये सर्जरी ट्रेंड हेड सर्जन करते हैं।
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क्या होता है थाइराइड कैंसर?
अगर थाइराइड ग्लैंड में सेल्स सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ने लगे तो ये कैंसर की शुरुआत होती है। इसमें थाइराइड ग्लैंड के आसपास ट्यूमर विकसित होने लगता है। महिलाओं में बीते एक दशक में थाइराइड कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। खानपान की खराब आदतें। शराब का अधिक सेवन और भोजन में आयोडिन की कमी की वजह से ये बीमारी तेजी से बढ़ रही है। शुरुआत में इस बीमारी के लक्षणों का आसानी से पता नहीं चलता है। यही कारण है कि इस बीमारी के अधिकतर केस आखिरी स्टेज में ही आते हैं।
ये हैं थाइराइड कैंसर के लक्षण
गर्दन के आसपास गांठ
आवाज में बदलाव
खाना निगलने में परेशानी
लगातार खांसी
गले में दर्द
गले में सूजन