Modi Government: केंद्र सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना यानी PLI के लाभार्थियों को मार्च तक 2,874.71 करोड़ रुपये जारी वकार दिए हैं। इसका लाभ उठाने वाले में इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, दवा एवं फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। इस पूरी योजना के माध्यम से तीन लाख लोगों को नौकरियां मिलने के आंकड़े सामने आए हैं। DPIIT के अतिरिक्त सचिव राजीव सिंह ठाकुर ने बताया कि आठ उद्योग क्षेत्रों का प्रदर्शन पीएलआई योजना के तहत काफी अच्छा रहा है। जबकि कुछ अन्य क्षेत्रों को अपनी रफ्तार बढ़ाने की जरूरत है। जिस क्षेत्र में दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें दूर कर उनकी रफ्तार बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।
इन क्षेत्रों में हुआ रोजगार सृजन
PLI योजना के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन के क्षेत्र में 52 हजार, फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में 1.24 लाख नौकरियां सृजित हुई हैं। पूरी योजना से करीब तीन लाख लोगों को रोजगार मिला है। साथ ही उत्पादन और बिक्री के मोर्चे पर पांच लाख करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है। आंकड़ों के मुताबिक पीएलआई स्कीम के माध्यम से 176 सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के कारोबारियों को फायदा पहुंचा है।
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कंपनियों से मिले आवेदन
दिसंबर 2022 तक सरकार को 14 क्षेत्रों में सक्रिय कंपनियों से 717 आवेदन मिले थे। इनमें कंपनियों ने 2.74 लाख करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई थी। हालांकि, आंकड़ों के मुताबिक वास्तविक निवेश अब तक 53,500 करोड़ रुपये का ही हुआ है। इससे बड़े पैमाने पर उत्पादन वृद्धि और तीन लाख से अधिक रोजगार पैदा हुए हैं।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा राशि आवंटित
PLI योजना के तहत सबसे ज्यादा 1,649 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को आवंटित किए गए थे। इसके अलावा दवा क्षेत्र को 652 करोड़ रुपये और खाद्य क्षेत्र को 486 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। नए उद्योगों को इस योजना के दायरे में लाने पर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है।
PLI योजना क्या है?
केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत 14 उद्योग क्षेत्र की कंपनियों को प्रोत्साहन के तौर पर देने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। संबंधित विभाग के अनुसार, इस योजना के तहत आठ क्षेत्रों की कंपनियों से 3,420 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन से जुड़े दावे अब तक मिले हैं।