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अमित शाह के दौरे से घाटी में खलबली- फारूक अब्दुल्ला को सता रहा कश्‍मीरी पंडितों की वापसी का डर

अमित शाह के दौरे से घाटी में खलबली

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए हटाए जाने के बाद गृह मंत्री अमित शाह का पहला जम्मू-कश्मीर दौरा है। इस दौरे को लेकर जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों में हलचल तेज है खासकर पाकिस्तानी प्रेमी नेताओं को गृह मंत्री के इस दौरे के बीच खलबली तेज हो गई है। और पाकिस्तान की तरफदारी करने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को कश्‍मीरी पंडितों की वापसी का डर सता रहा है।

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अपने एक बयान में नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि, न केवल हिंदू, बल्कि मुस्लिम भी आतंकवादियों द्वारा मारे गए हैं। उनका कहना है कि, घाटी कै माहौल कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए अनुकूल नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, आप (अमित शाह) कश्मीर में तब तक शांति स्थापित नहीं कर पाएंगे जब तक 370 को बहाल नहीं कर देते। यहां केवल हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिमों को भी आतंकियों ने निशाना बनाया है।

इसके आगे उनका कहना है कि, घाटी में हाल की घटना उन लोगों की आंखें खोलने वाली हैं, जो कहते हैं कि अनुच्‍छेद 370 निरस्‍त होने के बाद आतंकवाद का सफाया हो गया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने घाटी में पथराव के लिए 900 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने का भी विरोध किया। क्या केंद्रीय गृहमंत्री के घाटी के तीन दिवसीय दौरे के दौरान आपके साथ भी अमित शाह की मुलाकात होने की संभावना है? इस सवाल के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने कहा, हां, सरकार ने मुझसे संपर्क किया था। अमित शाह मुझसे मिलना चाहते थे, मैंने मना कर दिया, राजौरी और पुंछ जाने की मेरी पहले से योजना थी।

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फारुख अब्दुल्ला का पाकिस्तान प्रेम समय समय पर बाहर आते रहता है, अभी गुरुवार को ही उन्होंने कहा कि, भारत को शांती के लिए पाकिस्तान से बातचीत करनी चाहिए। पाकिस्तान के प्रति अपने प्रेम भावना को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि, जब तक आप पाकिस्तान से बात नहीं करते तब तक हम कभी जम्मू-कश्मीर में शांति से नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती होती तो लोग यहां सियालकोट (पाकिस्तान) से चाय पीने आते। उन्होंने कहा कि, हम वहां जाते पहले ऐसा था आजादी से पहले लोग ट्रेनों में आते थे। फारुख उस पाकिस्तान के बारे में बात कर रहें जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार दोस्ती हाथ बढ़ाया लेकिन बदले ने पाकिस्तान ने भारत के पीठ में छूरा घोंपा। आतंकवाद को बढ़ावा दिया, जम्मू कश्मीर में आए दिन आतंकी हमले को अंजाम दिया।