चंडीगढ़: खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह के वांछित पप्पलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस ने सोमवार को होशियारपुर के पास से गिरफ़्तार कर लिया।
पापलप्रीत की यह गिरफ़्तारी पुलिस को अमृतपाल सिंह को पकड़ने के अभियान को और क़रीब ले आया है, जिसके बारे में माना जाता है कि वह पंजाब में ही कहीं छिपा हुआ है। पप्पलप्रीत को आख़िरकार पंजाब पुलिस और उसकी काउंटर-इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा चलाये गये एक संयुक्त अभियान में गिरफ़्तार कर लिया गया।
होशियारपुर में एक धार्मिक ‘डेरे’ के पास एक स्कॉर्पियो बरामद होने के बाद से पंजाब पुलिस इलाक़े में नज़र रख रही है। 28 मार्च को हिमाचल प्रदेश से पंजाब में प्रवेश करने के बाद आनंदपुर साहिब से एआईजी महल और जालंधर यूनिट की उनकी काउंटरइंटेलिजेंस टीम ने आनंदपुर साहिब से अमृतपाल सिंह और पापलप्रीत सिंह का पीछा किया। दोनों ने पुलिस को चकमा दिया और अंधेरे की आड़ में पुलिस को चकमा देते हुए एक गुरुद्वारे में घुस गए। इसी जगह पर अमृतपाल और पप्पलप्रीत अलग हो गए थे।
एक शिक्षित कट्टरपंथी, पापलप्रीत होशियारपुर के एक गांव से आया था और ग़रीब किसानों के बीच सद्भावना रखता था, जिसका वह आर्थिक रूप से मदद करता था। पुलिस का मानना है कि अमृतपाल द्वारा हाल ही में अकाल तख्त के जत्थेदार को बैसाखी के दिन सरबत खालसा बुलाने के लिए जारी किए गए वीडियो पप्पलप्रीत सिंह के दिमाग की ही उपज थे।
अमृतपाल और पापलप्रीत दोनों 18 मार्च को उस एंडेवर एसयूवी में यात्रा करते हुए पुलिस के जाल से बच निकले थे, जिसे बाद में बरामद कर लिया गया था। दोनों ने पंजाब पुलिस को मुश्किल में डाल दिया,क्योंकि दुनिया भर के लोगों की बहुत आलोचना के साथ-साथ यह घटना भगवंत मान सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी बन गयी थी।
पंजाब पुलिस ने बैसाखी समारोह और अमृतपाल सिंह द्वारा सार्वजनिक घोषणा करने की अफ़वाहों से पहले पूरे पंजाब में अपनी निगरानी कड़ी कर दी थी।
इत्तेफ़ाक़ से आज डीजीपी गौरव यादव मत्था टेकने अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब का दौरा किया और इसके तुरंत बाद पप्पलप्रीत की गिरफ़्तारी हुई।