Hindi News

indianarrative

असम की डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के सहयोगी पापलप्रीत

पापलप्रीत सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल लाया गया

चंडीगढ़: फ़रार अलगाववादी उपदेशक अमृतपाल सिंह का दाहिना हाथ माने जाने वाला पापलप्रीत सिंह को पंजाब पुलिस ने सोमवार को अमृतसर ज़िले के कथूनंगल इलाके से गिरफ़्तार कर लिया था, उसे आज कड़ी सुरक्षा के बीच असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतिंदर सिंह ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। पापलप्रीत सिंह ने हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा कि वह ठीक हैं और उसे प्रताड़ित नहीं किया गया है।

42 साल के पापलप्रीत को 2012 से कट्टरपंथी गतिविधियों का एक मास्टर माइंड माना जाता है और वह पहले अलगाववादी संगठन वारिस पंजाब दी के प्रमुख अमृतपाल के साथ पंजाब पुलिस के जाल से बच गया था।

पंजाब पुलिस की छापेमारी से बचने के बाद पापलप्रीत सिंह और अमृतपाल सिंह की एक साथ कई तस्वीरें सामने आयी थीं। खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह 30 मार्च को एक वीडियो में दिखायी दिया था और कहा था कि वह जल्द ही ख़ुद को दुनिया के सामने पेश कर देगा।

पापलप्रीत के बारे में विवरण देते हुए एसएसपी ने कहा कि वह इंजीनियरिंग में पोस्ट-मैट्रिक डिप्लोमा है और पिछले कुछ वर्षों में एक नशा विरोधी धर्मयुद्ध, स्वतंत्र पत्रकार और खालिस्तानी लेखक के रूप में कई भूमिकायें निभायी हैं।

वह अमृतपाल के मीडिया सलाहकार का पद संभाल रहा था। पापलप्रीत कट्टरपंथी और खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल होने के कारण ख़ुफ़िया एजेंसियों के रडार पर था।

पंजाब पुलिस के एक डोजियर से पता चलता है कि उसने कठुनंगल के एक कॉन्वेंट स्कूल से 10वीं कक्षा पास की थी। अमृतपाल में शामिल होने से पहले उसने कट्टर खालिस्तानी सिमरनजीत सिंह मान के शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर), सिख यूथ फ़ेडरेशन (भिंडरावाले) के बलवंत सिंह गोपाला और सिख यूथ फ़्रंट के शरणजीत सिंह रटौल के साथ मिलकर काम किया था।

अमृतसर ज़िले के मजीठा विधानसभा क्षेत्र के मारारी गांव के निवासी पापलप्रीत एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता है, जिसके पास लगभग 2 एकड़ ज़मीन है।