सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक Dr. Bindeshwar Pathak का मंगलवार को निधन हो गया। Dr. Bindeshwar Pathak ने दिल्ली स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। डॉ. पाठक कि कार्डियक अरेस्ट होने पर उन्हें दोपहर करीब डेढ़ बजे एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देकर धड़कन ठीक करने की कोशिश की ,लेकिन वो बच नहीं सके।
Dr. Bindeshwar Pathak के कार्यों की तारीफ पूरी दुनिया में होती रही है। देश भर में उनके प्रयासों से करीब 8500 शौचालय और स्नानागार का निर्माण किया जा चुका है। डॉ. पाठक का पार्थिव शरीर बुधवार को सुबह करीब छह बजे महावीर एंक्लेव स्थित सुलभ ग्राम लाया जाएगा।
पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक Dr. Bindeshwar Pathak के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया।
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा। उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। शांति।
The passing away of Dr. Bindeshwar Pathak Ji is a profound loss for our nation. He was a visionary who worked extensively for societal progress and empowering the downtrodden.
Bindeshwar Ji made it his mission to build a cleaner India. He provided monumental support to the… pic.twitter.com/z93aqoqXrc
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2023
AIIMS के डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
Dr. Bindeshwar Pathak वह मंगलवार को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर अपने आवास महावीर एंक्लेव स्थित सुलभ ग्राम पहुंचे। डॉ.पाठक ने करीब 11 बजे वहां ध्वजारोहण किया । करीब पांच मिनट डॉ. पाठक वहां मौजूद रहे और लोगों को संबोधित किया। लेकिन इसके कुछ देर बाद ही इन्हें सांस लेने में थोड़ी दिक्कत महसूस हुई। करीब 12 बजकर 50 मिनट पर इनकी बेचैनी काफी बढ़ गई। जिसके बाद उन्हें तत्काल एम्स लाया गया।
Dr. Bindeshwar Pathak खुद ही एम्स के चिकित्सक से बात की। इसके बाद ये पूरे होश में एम्स निकले। डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देकर धड़कन ठीक करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
टाइम मैग्जीन में मिल चुकी है जगह
डॉ. बिंदेश्वर पाठक मूल रूप से बिहार के वैशाली जिला स्थित रामपुर बघेल गांव के रहने वाले थे। बता दें कि वर्ष 1991 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। डॉक्टर पाठक द्वारा स्थापित शौचालय संग्रहालय को टाइम पत्रिका ने दुनिया के 10 सर्वाधिक अनूठे संग्रहालय में स्थान दिया था।
सुलभ इंटरनेशनल स्थापना उन्होंने 1970 में की थी
महावीर एंक्लेव स्थित सुलभ ग्राम में स्थापित इस संग्रहालय में देश विदेश के अनेक लोग पहुंच चुके हैं। सिर पर मैला ढोने की प्रथा की समाप्ति के इनके द्वारा किये गए कार्यों को पूरी दुनिया में तारीफ मिली।डॉक्टर पाठक ने वर्ष 1970 में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना की थी।
पूरे देश में 85 सौ सुलभ शौचालय का निर्माण
उनके द्वारा स्थापित सुलभ इंटरनेशनल अधिकारों, पर्यावरण स्वच्छता, ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों, अपशिष्ट प्रबंधन और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा देने के लिए काम करती है। पूरे देश में 8500 सुलभ इंटरनेशनल और स्नानघर का निर्माण हो चुका है। सुलभ इंटरनेशनल के शौचालय के प्रयोग के लिए 5 रुपये और स्नान के लिए 10 रुपये लिए जाते हैं, जबकि कई जगहों पर इन्हें सामुदायिक प्रयोग के लिए मुफ़्त भी रखा गया है।
सही मायने में देश में शोषित और वंचितों के उत्थान के लिए Dr. Bindeshwar Pathak ने जीवन पर्यंत काम किया,जो काफी सराहनीय है। गांधी जी के मूल्यों पर चलने वाले डॉ. बिंदेश्वर पाठक के निधन पर पूरा देश शोकाकुल है।
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