जगदीप धनखड़ की 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप नियुक्ति ने सभी को चौंका दिया था और अब देश के नए उपराष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन ने भी सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। देश के नए उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए किसान पुत्र जगदीप धनकड़ भाजपा की भावी रणनीति के लिए भी काफी अनुकूल हैं। इससे पार्टी को कई राज्यों और लोकसभा चुना में लाभ मिलने के साथ ही सामाजिक समीकरणों को भी मजबूत करने में सफलता मिलेगी।
जाट समुदाय से आने वाले धनखड़ के जरिए भाजपा पश्चिमी यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की कुछ लोकसभा सीटों पर भी अपनी दावेदारी मजबूत करेगी। इसके अलावा किसानों को भी वह संदेश दे सकेगी। भाजपा ने राजनीतिक संदेश देने के लिए पिछली बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को उत्तर और दक्षिण भारत से लाने का फैसला किया था, इस बार उसने इसे बदलकर पूर्वी भारत और पश्चिमी भारत किया है, ताकि देश के सर्वोच्च पदों पर भारत के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व दिया जा सके। इससे पार्टी अपनी सर्वदेशीय व्यापक छवि को और मजबूत करेगी। अगले दो सालों में कई राज्यों में लोकसभा चुना होने वाले हैं। जिसमें राजस्थान महत्वपूर्ण है, जहां भाजपा अभी सत्ता में नहीं है। अब धनखड़ राजस्थान से आते हैं, ऐसे में भाजपा के लिए इसमें काफी लाभ मिलेगा।
राजस्थान के बाद भाजपा लोकसभा चुनाव में जाएगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की लगभग 40 सीटें ऐसी हैं, जो जाट प्रभाव क्षेत्र में आती हैं। भाजपा को इन पर भी लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही भाजपा ने देशभर में धनखड़ के जरिए किसानों की संदेश दिया है कि वो उनके साथ है। इसके साथ ही राज्यसभा में भी भाजपा को लाभ मिलेगा। दरअसल, धनखड़ राजनीतिक अनुभव और संवैधानिक नियम कानूनों में किसी से कम नहीं है। राज्यपाल और उसके पहले पूर्व की चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्यमंत्री रहने के चलते उनको संसदीय कामकाज का भी अनुभव है, जो संसद के उच्च सदन के संचालन में काम आएगा।