कोरोना के नए वैरिएंट से पूरी दुनिया खौफ में है। भारत के कई शहरों में बाहर से आए लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ऐसे में खतरे को देखते हुए बूस्टर डोज लगाए जाने का प्रस्ताव रखा गया है। वैज्ञानिकों ने 40 साल से ऊपर के लोगों के लिए बूस्टर डोज की सिफारिश की है। भारतीय SARS-CoV-2 जेनेटिक्स कंसोर्टियम या INSACOG ने कहा कि 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर खुराक लेनी चाहिए। INSACOG कोरोना वायरस के जीनोम वैरिएशंस पर नजर रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गईं लैब्स की टॉप बॉडी है। वैज्ञानिकों ने बताया कि वैक्सीन नहीं लेने वाले लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लेनी चाहिए। फिलहाल जो टीका है वो कोरोना के खरतनाक वैरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने में उतना ताकतवर नहीं है।
इसलिए जिन्हें खतरा ज्यादा है उन्हें पहले बूस्टर डोज देने की बात हो रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन लोगों को सेकेंड डोज लिए 6 से 9 महीने हो गए हैं उन्हें बूस्टर डोज देना चाहिए, क्योंकि 6 से 9 महीने में एंटीबॉडी फॉल पर होती है। यही कारण है कि इन्फ्लुएंजा वैक्सीन जो हम लोग लेते हैं उसका भी एक साल में डोज दिया जाता है।
आपको बता दें कि दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। भारत में भी खतरे वाले देशों से आए करीब 30 यात्री कोविड-19 पॉजिटिव मिले हैं। कुल चार राज्यों में यह 30 यात्री कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर यात्री अधिक खतरे वाले अफ्रीकी देशों की यात्रा से लौटे हैं। इनमें से राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 9 यात्री हैं। इसके अलावा तमिलनाडु के 2 यात्री और गुजरात के 1 यात्री शामिल हैं।