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Bangladesh में सितरंग चक्रवात से भारी तबाही, 35 लोग ने तोड़ा दम

बांग्लादेश में चक्रवात 'सितरंग' ने मचाई तबाही

बांग्लादेश में आये चक्रवात सितरंग (Sitarang) ने बांग्लादेश (Bangladesh) के दक्षिणी तट और मध्य भाग को बुरी तरह से तबाह करके रख दिया है, जिससे वहां पर लगभग 35 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक बंगाली दैनिक समाचार पत्र प्रोथोम अलो (Prothom Alo) के मुताबिक मंगलवार की तड़के सितरंग बांग्लादेश पहुंचा और वहां पर तबाही मचा दी ।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्रवात ने घरों और अन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। चक्रवात ने यहां पर बिजली आपूर्ति को बाधित करने के साथ-साथ 35 लोगों की जान ले ली। चक्रवात सितरंग पश्चिम बंगाल तट को पार करते हुए बरिसाल के निकट बांग्लादेश के तट से टकराया है । भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी ।

पश्चिम बंगाल में हुई भारी बारिश

आईएमडी ने कहा कि दक्षिणी पश्चिम बंगाल के जिलों में मौसम में पूर्वाह्न से सुधार होने की संभावना है। 56 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बंगाल की उत्तरी खाड़ी से बांग्लादेश की ओर बढ़ी इस मौसम प्रणाली के कारण पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मेदिनीपुर में मध्यम से भारी बारिश स्तर की बारिश हुई।

100 किलोमीटर की तेजी से तट पर टकराया तुफान

कोलकाता (Kolkata) में क्षेत्रीय मौसम केंद्र ने कहा कि सितरंग ने सोमवार को रात साढ़े नौ बजे से साढ़े 11 बजे के बीच बांग्लादेश में बारिसल के पास तिनकोना द्वीप और जलडमरूमध्य के बीच 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट पर टकराया। बांग्लादेशी मीडिया ने बताया कि चक्रवात के कारण वहां दक्षिणपूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हुई है। आईएमडी ने कहा कि मंगलवार शाम तक इसके कमजोर होकर निम्न दाब क्षेत्र में बदलने का अनुमान है।

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सरकार ने लोगों को दी सावधान रहने की सलाह

मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार सुबह पश्चिम बंगाल तट के आसपास 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएं चलने की चेतावनी दी है। जो 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। हालांकि बाद में धीरे-धीरे घटकर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर आ जाएगी और फिर ज्यादा से ज्यादा 50 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ सकती है।

सोमवार को रुक-रुक कर हुई बारिश से लोग घर के अंदर रहने को मजबूर हो गए और दिवाली की शाम कोलकाता (Kolkata) की अधिकांश सड़कों पर सुनसान देखने को मिली जबकि दिवाली के मौके पर हजारों लोग काली पूजा पंडाल में जाते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) ने मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए लोगों को आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी थी।