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90 दिन के अंदर मिलेगा Depositors का पैसा, बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस पर सरकार का बड़ा फैसला

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दिल्ली के विज्ञान भवन में बैंक जमा बीमा कार्यक्रम को पीएम मोदी ने आज संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने कहा कि आज देश के लिए बैंकिंग सेक्टर के लिए और देश के करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर्स के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समयसीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानि 3 महीने के भीतर अनिवार्य किया है। जमा राशि बीमा के दायरे में भारत में कार्यरत सभी वाणिज्यिक बैंकों में सभी तरह की जमा-धनराशियों जैसे बचत, फिक्स्ड, चालू और सावधि जमा आदि को शामिल कर दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से चली आ रही एक बड़ी समस्या का कैसे समाधान निकाला गया है आज का दिन उसका साक्षी बन रहा है। आज के आयोजन का जो नाम दिया गया है उसमें डिपोजिटर्स फर्स्ट की भावना को सबसे पहले रखना, इसे और सटीक बना रहा है। बीते कुछ दिनों में एक लाख से ज्यादा डिपोजिटर्स को सालों से फंसा हुआ उनका पैसा वापस मिला है। ये राशि 1300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है। कोई भी देश समस्याओं का समय पर समाधान करके ही उन्हें विकराल होने से बचा सकता है लेकिन वर्षों तक एक प्रवृत्ति रही कि समस्याओं को टाल दो।

पीएम मोदी ने कहा- 'आज का नया भारत, समस्याओं के समाधान पर जोर लगाता है, आज भारत समस्याओं को टालता नहीं है। पहले लोगों को किसी बैंक से फंसा अपना ही पैसा प्राप्त करने में वर्षों लग जाते थे। हमारे निम्न मध्यम वर्ग, मध्यम वर्ग और गरीबों ने इस समस्या को झेला है। इस स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार ने बहुत संवेदनशीलता के साथ बदलाव किए, रिफॉर्म किए। हमारे देश में बैंक डिपॉजिटर्स के लिए इंश्योरेंस की व्यवस्था 60 के दशक में बनाई गई थी। पहले बैंक में जमा रकम सिर्फ 50,000 रुपये तक की राशि पर ही गारंटी थी, फिर इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया था।'

पीएम मोदी ने आगे कहा- 'हमने इस राशि को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। कानून में संशोधन करके एक और समस्या का समाधान करने की कोशिश की है। पहले जहां पैसा वापसी की कोई समय सीमा नहीं थी, अब हमारी सरकार ने इसे 90 दिन यानी 3 महीने के भीतर अनिवार्य किया है, यानी बैंक डूबने की स्थिति में भी 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिल जाएगा।' आपको बता दें कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यरत राज्य, केंद्रीय और प्राथमिक सहकारी बैंकों को भी इसके दायरे में रखा गया है। इस सुधार के तहत बैंक जमा राशि बीमा कवर को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।