INS Vagir commissioned into Indian Navy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 23 जनवरी साल 2021 में नेताजी की जन्म जयंती पर अपने स्टेटमेंट में इस बात को कहा था कि साल 2022 से इस दिन को पराक्रम दिवस के तहत ही सेलिब्रेट किया जाएगा। हर साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhas Chandra Bose) की जन्म जयंती मनाई जाती थी। लेकिन, 2022 से उनकी जयंती को पराक्रम दिवस (Parakram divas) के रूप में मनाया जाने लगा है। आज पराक्रम दिवस है इस मौके पर देश की नौसेना की ताकत और भी ज्यादा बढ़ गई है। जिस तरह नेताजी सुभाष चंद्र बोस से अंग्रेज कांपते थे उसी तरह अब नेवी से दुश्मन भी कांपेंगे। क्योंकि, भारतीय नौसेना में आईएनएस वागीर (INS Vagir commissioned into Indian Navy) को शामिल कर लिया गया है। प्रोजेक्ट 75 के तहत कलवारी क्लास की यह पांचवी सबमरीन है, जिसे भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। मुंबई के नेवल डॉकयार्ड पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में आईएनएस वागीर (INS Vagir commissioned into Indian Navy) को नौसेना में कमीशन किया गया।
The fifth Submarine of Project 75 #Kalvari class, #Vagir all set to be commissioned shortly into the #IndianNavy in the presence of Adm R Hari Kumar #CNS at naval dockyard #Mumbai.#AatmanirbhartaInDefence@DefenceMinIndia @AjaybhattBJP4UK@indiannavy @IN_WNC pic.twitter.com/VShjdMM6ET
— PRO Defence Mumbai (@DefPROMumbai) January 23, 2023
समंदर के अंदर बारूदी सुरंग बिछा सकती है INS Vagir
नौसेना ने कहा है कि आईएनएस वागीर दुनिया के बेहतरीन सेंसर और टारपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। इस पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडों को लॉन्च करने की भी क्षमता है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बीच आईएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। INS वागीर समंदर के अंदर बारूदी सुरंग बिछा सकती है। इसे 1150 फीट की गहराई में तैनात कर सकते हैं। स्टेल्थ तकनीकों से लैस होने की वजह से दुश्मन को इसकी मौजूदगी का आसानी से पता नहीं चलेगा। खास बात ये है कि ये सबमरीन स्वदेशी है।
INS Vagir
The Hunt Begins – 23 Jan 2023 pic.twitter.com/eh4XAdRk9j
— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 23, 2023
सबमरीन वागीर 50 दिनों तक रह सकती है पानी के अंदर
दुश्मन को खोजकर आईएनएस वागीर सटीक निशाना लगा सकती है। ऑक्सीजन बनाने की क्षमता होने के कारण ये सबमरीन अधिकतम 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है। इसकी 221 फीट लंबाई, बीम 20, 40 फीट ऊंचाई और ड्रॉट 19 फीट वाली ये पनडुब्बी सबसे कम समय में बनी है। MTU 12V 396 SE84 जैसे 4 डीजल इंजन से लेस इस सबमरीन में 360X बैटरी सेल्स हैं। इसके अलावा PAFC फ्यूल सेल भी है। ताकि बिना आवाज के यह तेज गति से दुश्मन पर हमला कर सके। लहरों पर यह 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। लेकिन जब यह समुद्र के अंदर गोते लगाती है तब इसकी गति 37 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है। 8 नौसेना अधिकारी और 35 सैनिकों को अपने ऊपर सवार कर लेने वाली आईएनएस वागीर में 6×533 मिलिमीटर के टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। जिसमें 18 SUT टॉरपीडो होते हैं। ये वही टॉरपीडो हैं जिन्हें 1967 से दुनियाभर के कई देशों की नौसेनाओं में शामिल किया गया है। यह एक ड्यूल परपज हथियार है जिसे जहाज, पनडुब्बी और तटों से भी दागा जा सकता है।
दुश्मन के लिए काल है आईएनएस वागीर
- आईएनएस वागीर 30 समुद्री माइन्स से लैस है, जो दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी से टकराते ही फट पड़ते हैं।
- वागीर में SM.39 Exocet एंटी-शिप मिसाइलें लग सकती हैं।
- ये मिसाइलें पनडुब्बी के अंदर से शांति से निकल कर सीधे दुश्मन के जहाज या युद्धपोत पर हमला करती हैं।
- इनकी गति 1148 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है।
- INS Vagir पहले से ही भारतीय नौसेना का हिस्सा है।
- नई आईएनएस वागीर से पहले भारत के पास 1973 में इसी नाम की पनडुब्बी थी।
- उसने साल 2001 तक भारतीय नौसेना के लिए काम किया।
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