प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ प्रभावित उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद्र से पूरी मदद का आश्वासन दिया है।सेना की इकाइयों और एनडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत अभियान शुरू किया है।
हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और हरियाणा मानसून के प्रकोप से जूझ रहे हैं, क्योंकि लगातार तीसरे दिन भी इस क्षेत्र में लगातार बारिश जारी है।
सोमवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, भारी बारिश के कारण पानी भर जाने के बाद सेना ने पंजाब के एक निजी विश्वविद्यालय से 910 छात्रों और 50 अन्य को बचाया और प्रभावित इलाक़ों में एनडीआरएफ़ की टीमों को भी तैनात किया गया है।
पंजाब और हरियाणा में नागरिक प्रशासन ने पहले सेना से बचाव अभियान के लिए मदद मांगी थी, जिसने दोनों राज्यों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन की सहायता के लिए सेना की पश्चिमी कमान की बाढ़ राहत टुकड़ियों को भेजा था।
एक बयान में कहा गया है,“जमीन पर स्थिति का आकलन करने के बाद, बचाव और राहत दल प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए। सेना की इंजीनियर टुकड़ियों के साथ बचाव दल ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पूरी रात (रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि) काम किया और बाढ़ के पानी से नहरों को टूटने से बचाने में मदद की।”
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 38 टीमें पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बचाव और राहत अभियान चला रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और राज्यों में अत्यधिक बारिश के कारण जान-माल को हुए नुक़सान की जानकारी ली।
PM @narendramodi spoke to senior Ministers and officials, and took stock of the situation in the wake of excessive rainfall in parts of India. Local administrations, NDRF and SDRF teams are working to ensure the well-being of those affected.
— PMO India (@PMOIndia) July 10, 2023
प्रधानमंत्री ने चारधाम यात्रा सहित सड़कों की स्थिति, कृषि, किसानों और फ़सलों की स्थिति और कांवर यात्रा के संचालन की जानकारी ली।
चूंकि देश के उत्तरी हिस्सों में बारिश के कारण 20 से अधिक लोगों की मौत हो गयी है, साथ ही इस क्षेत्र में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आ गयी है, एनडीआरएफ की 15 टीमें पंजाब में, 12 उत्तराखंड में और 11 हिमाचल प्रदेश में तैनात की गयी हैं।
एनडीआरएफ़ की कुछ रिजर्व टीमें भी दिल्ली में आपातकालीन स्थिति में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं, जहां यमुना नदी 203.58 मीटर पर बह रही है और अगले कुछ घंटों में ही 205.5 मीटर तक पहुंच जाने की आशंका है।
“कुछ और स्थानों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।इसलिए, कुछ जलाशय कल खोले जायेंगे। किसी भी चुनौती से निपटने के लिए एनडीआरएफ़ को तदनुसार तैनात किया जायेगा।”
एनडीआरएफ़ कर्मियों द्वारा इन तीन राज्यों- पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में से प्रत्येक में कुछ बचाव अभियान भी चलाये गये हैं। “बचाव अभियान लगभग हर राज्य में चलाया गया और यह पूरी रात जारी रहा।”
एएनआई को बताया गया, “कई स्थानों पर राहत सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है। कुछ सुरक्षित स्थानों पर फंसे लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करायी गयी है. इन लोगों को ये सामग्री राज्य प्रशासन और राज्य एजेंसियों की मदद से प्रदान की गयी थी।”
मौसम कार्यालय ने पूर्वानुमान लगाया है कि अगले दो दिनों तक दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश जारी रहेगी।
हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक आयी बाढ़ से मकानों, संरचनाओं को नुकसान पहुंचा और सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। मनाली, कुल्लू, किन्नौर और चंबा में अचानक आयी बाढ़ में कुछ दुकानें और वाहन भी बह गये।रावी, ब्यास और सतलुज जैसी सभी प्रमुख नदियाँ उफान पर हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेजों को दो दिनों (10 और 11 जुलाई) के लिए बंद कर दिया है।
पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी भूस्खलन और अचानक बाढ़ की ख़बरें आयीं, नदियां ख़तरे के निशान को पार कर गयी हैं।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ और सांबा ज़िलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। हालांकि, तीन दिनों तक निलंबित रहने के बाद अमरनाथ यात्रा रविवार को फिर से शुरू हो गयी है।
आईएमडी ने कहा कि अरब सागर से आने वाले पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाओं के बीच परस्पर क्रिया से इस आफ़त की दोहरी मार पड़ी है, जिसके परिणामस्वरूप अभूतपूर्व तीव्रता की मूसलाधार बारिश हुई है।