Free Ration Scheme: रक्षाबंधन और ओणम के त्यौहार पर मोदी सरकार ने जनता को बड़ी राहत दी है। सरकार ने मंगलवार को गैस के दामों में 200 रुपये की कटौती का ऐलान किया। कीमतें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। मोदी सरकार के इस फैसले से जनता बेहद खुश नजर आ रही है। वहीं, विपक्ष इसे चुनावों से जोड़कर देख रहा है। वहीं, जल्द ही केंद्र सरकार ‘फ्री राशन स्कीम’ (Free Ration Scheme)को लेकर भी बड़ा ऐलान कर सकती है। दरअसल, दिसंबर 2023 में फ्री राशन स्कीम की अवधि समाप्त हो रही है। इससे पहले मोदी सरकार इसको लेकर बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों की माने तो अगले साल जून 2024 तक इस स्कीम को बढ़ाया जा सकता है।
12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा
पीएमजीकेएवाई के छह महीने के विस्तार पर सरकार को लगभग 12,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। योजना के जारी रहने का मतलब है कि केंद्र सरकार चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम लाभार्थियों से नहीं लेगी। आपको बता दें कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत, सरकार प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो गेहूं/चावल प्रदान करती है। साथ ही, अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) के तहत आने वाले परिवारों को प्रति माह 35 किलो अनाज मिलता है।
लगभग 3.91 खरब रुपये की लागत आई
पिछले साल दिसंबर में, सरकार ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को (2022 से आगे) नहीं बढ़ाने का फैसला किया, जिसके तहत वह 80 करोड़ लाभार्थियों में से प्रत्येक को 5 किलो अतिरिक्त चावल/गेहूं दे रही थी। पहली कोविड-19 लहर के बीच अप्रैल 2020 में लॉन्च होने के बाद से पीएमजीकेएवाई की सरकारी खजाने पर लगभग 3.91 खरब रुपये की लागत आई। वित्त वर्ष 2024 में खाद्य सब्सिडी 30% घटकर 1.97 ट्रिलियन रुपये होने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 2.81 ट्रिलियन रुपये थी।
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