Earthquake in India: दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मंगलवार की देर रात 1.57 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह झटके दिल्ली-NCR, UP और बिहार में महसूस किए गए। जबकि नेपाल (Nepal) ये भूकंप कई लोगों की जान के लिए आफत बना। भूकंप से लोग एकदम दहशत में आ गए और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। भूकंप (Earthquake) के झटके नोएडा और आसपास के शहरों में भी महसूस किए गए हैं।
बता दें, धरती का हिलना केवल नेपाल (Nepal) तक ही सीमित नहीं रहा। दिल्ली , हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड समेत भारत के करीब 8 राज्यों में भी झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापी जा रही है। स्केल की रेंज के लिहाज से इस झटके को मध्यम से ज्यादा माना जा सकता है। अब समझते हैं रिक्टर स्केल का गणित।
जाने रिक्टर स्केल पर कैसे मापी जाती है तीव्रता
यह एक बेस 10 लॉगैरिदमिक स्केल है। आसान भाषा में समझें, तो अगर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2 मापी गई है, तो वह 1 की तुलना में 10 गुना ज्यादा गहन होगा। रिक्टर स्केल में तीव्रता का हर एक स्तर पिछले स्तर से 10 गुना ज्यादा गहन होता है।
रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध?
-0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
-2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
-3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
-4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
-5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
-6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
-7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
-8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
-9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
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नेपाल हुआ बेहाल
दरअसल बीती रात नेपाल में एक रात में 4 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। मंगलवार रात 8.52 पर 4.9 तीव्रता का भूकंप आया। 9.41 पर आए भूकंप की तीव्रता 3.5 रही। देर रात करीब 1.57 बजे आए भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा 6.3 पर रही। बात में 3.15 बजे 3.6 तीव्रता से धरती हिली। बुधवार सुबह 6.27 बजे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 4.3 की तीव्रता का भूकंप आया।
भूकंप आने पर क्या करें, क्या न करें
-भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
-बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
-कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
-भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
-अगर आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
-कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
-खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
-गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।