Hindi News

indianarrative

तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण के खतरे को लेकर आई नई रिपोर्ट, वैज्ञानिकों ने बताया दूसरी लहर से कितना है खतरनाक?

दूसरी लहर जैसे हालात तीसरी लहर में नहीं होंगे

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने दुनिया के साथ-साथ देश की भी कमर तोड़ कर रख दी थी। दूसरी लहर में पूरे देश में हाहाकार देखने को मिलो। कहीं ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान गई तो कहीं अस्पताल में बेड ही नहीं मिला और मरीज ने बिना इलाज के ही दम तोड़ दिया। अब देश में तीसरी लहर आ गई है और तेजी से संक्रमण फैल रहा है। कोरोना के मामलों में हर रोज तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। लेकिन अब एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि, तीसरी लहर में दूसरी लहर जैसे हालात नहीं होने वाले हैं और मौतें 600प्रतिशत तक कम होंगी।

यह भी पढ़ें- कोरोना को लेकर आई डरावनी रिपोर्ट- अगर ऐसा रहा हाल तो एक दिन में आएंगे 10 या 20 लाख नहीं बल्कि इतने लाख केस

ओमीक्रोन के कारण कोरोना की तीसरी लहर के फैलने की गति बेहद तेज है, लेकिन यदि मौतों के आंकड़ों को देखें तो दूसरी लहर की तुलना में करीब 600फीसदी मौतें कम दर्ज की गई हैं। पहली लहर की तुलना में यह कमी 900फीसदी के करीब है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में मौतों में मामूली इजाफा हो सकता है।

देश में पिछले 24घंटों के दौरान कोरोना के 159632नए संक्रमण तथा मौतें 327दर्ज की गई हैं। इनमें 242मौतें केरल की ऐसी हैं, जो पूर्व की हैं। जबकि केरल में पिछले 24घंटों में कुल 33मौतें हुई हैं। इस प्रकार ताजा मौतें महज 118हैं। जबकि पिछले साल जब कोरोना की दूसरी लहर जब बढ़ रही थी तो 11अप्रैल 2021को देश में कोरोना के 152879नए संक्रमण दर्ज किए गए थे। उस दिन 839मौतें दर्ज की गई थी। यह पिछले 24घंटों में हुई मौतों से 721यानी करीब 600फीसदी ज्यादा है।

यह भी पढ़ें- आ गई तीसरी लहर, जल्द लग सकता है पूर्ण Lockdown! 24 घंटे में 1 लाख से ज्यादा आए केस

चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो ओमीक्रोन कम घातक है और ये फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है। इसलिए अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है, जिस कारण मौतें भी कम हैं। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिकटी विभाग के प्रोफेसर जुगल किशोर ने कहा है कि ओमीक्रोन संक्रमित पांच-सात दिनों के भीतर ठीक हो रहे हैं तथा तीसरी लहर को दस दिन से अधिक समय हो चुका है। पिछली लहरों से तुलना करें तो मरीजों की मौतें नौ-दस दिनों के बाद हो रही थीं। इसलिए यह आशंका है कि आने वाले दिनों में मौतों में हल्का इजाफा हो सकता है। लेकिन, यह दूसरी लहर की तुलना में बेहद कम होंगी।