India New Weapons: भारतीय वायुसेना को एक नया कारगर और अचूक हथियार हासिल हुआ है। वायुसेना को इजराइल से स्पाइक एंटी टैंक मिसाइलो( SPIKE NLOS) को पहली खेप मिल गई है। इन मिसाइलों की रेंज 30 किमी तक है और इन्हें हेलीकॉप्टर से फायर किया जा सकता है। वायुसेना इन्हें अपने MI-17 V हेलीकॉप्टरों में लगाने की तैयारी कर रही है।
इमरजेंसी में खरीदे हथियार
बहुत कम तादाद में स्पाइक मिसाइल खरीदने का फैसला भारत ने 2019 में किया था। दोबारा इन मिसाइलों में भारत की दिलचस्पी तब बढ़ी जब चीन और भारत के बीच पूर्वी लद्दाख में तनाव की स्थिति थी। चीन ने बड़ी तादाद में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों को नियंत्रण रेखा के पास तैनात कर दिया था, उनसे निबटने के लिए भारत ने इन मिसाइलों की इमरजेंसी खरीद का प्रस्ताव दिया था। वायुसेना अभी कई तरह के एंटी टैंक मिसाइल इस्तेमाल करती है लेकिन उनमें से किसी की रेंज SPIKE NLOS जितनी नहीं है। यहां तक कि अपाचे और रोमियो हेलीकॉप्टर में लगी हेलफायर मिसाइल की रेंज भी 11 किमी तक ही है।
भारतीय वायुसेना लगाएगी MI-17 V हेलीकॉप्टर
स्पाइक मिसाइल से दुश्मन के टैंकों के अलावा उसके कमान बंकर, संचार केंद्र, रडार केंद्रों को भी आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। लंबी रेंज के कारण इस मिसाइल को फायर करने के लिए निशाने के पास जाने की जरूरत नहीं है। इस मिसाइल में बेहतर इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सीकर के कारण निशाने को अच्छी तरह देखा जा सकता है। इससे तेज गति से भागते हुए निशाने या खराब मौसम में भी अचूक वार किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना MI-17 V हेलीकॉप्टर में लगाएगी जिनका इस्तेमाल वह लंबे अरसे से कर रही है।
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सेना करती है इन हथियारों का इस्तेमाल
MI-17 हेलीकॉप्टर रूसी मूल का परिवहन हेलीकॉप्टर है जो भारतीय सेनाओं के लिए काफी कारगर साबित हुआ है। वायुसेना अभी पुराने सोवियत MI-35 के अलावा अमेरिका से खरीदा गया अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करती है। स्वदेशी हेलीकॉप्टर एएलएच में हथियार लगाकर बनाया गया रुद्र लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी वायुसेना के पास है। इसके अलावा पिछले साल पहला स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड भी वायुसेना को मिल चुका है। इन हेलीकॉप्टरों में अमेरिकी हेलफायर के अलावा स्वदेशी हेलिना एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल इस्तेमाल किया जाता है।