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इस राइफल से गोली नहीं, ज्वालामुखी का लावा फूटता है एक मिनट में बरसती हैं 600 गोलियां, पाकिस्तानियों के होश अभी से हो रहे फाख्ता

इस राइफल से गोली नहीं, ज्वालामुखी का लावा फूटता है एक मिनट में बरसती हैं 600 गोलियां

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुति के भारत दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच में AK-203 राइफल को लेकर 5100 करोड़ रुपए के रक्षा समजौते पर हस्ताक्षर हो गया है। रूस की एके-203 राइफल दुनिया की सबसे घतक और सबसे सफल राफल AK-47 का सबसे आधुनिक संस्करण है। एक तरह से माने तो इस राइफल से गोली नहीं ज्वालामुखी का लावा फूटता है क्योंकि ये सिर्फ एक मिनट में 600 गोलियां बरसाती है। और भारत रूस के इस समझौते को देख पाकिस्तान के भी से होश उड़ने लगे हैं।

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इस डील के तहत भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों के लिए अमेठी की फैक्‍ट्री में 6 लाख राइफलें बनाई जाएंगी। ये राइफलें सेना में भारत की स्‍वदेशी राइफल इंसास की जगह लेंगी। भारतीय सेना लंबे समय इंसास राइफल की दिक्‍कतों से जूझ रही थी। इंसास को वर्ष 1990 के दशक में सेना में शामिल किया गया था। इंसास राइफल को डीआरडीओ ने बनाया था। कई वर्षों से भारतीय सेना और पैरामिलिटरी फोर्स इंसास राइफल का विकल्प खोज रही थी।

इंसास की समस्याओं से परेशान होकर जवानों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का जवाब देने के लिए इंसास छोड़कप एके-47 या दूसरी इंपोर्टेड बंदूकों का प्रयोग शुरू कर दिया।

वहीं एके-203 राइफल, रूस की कंपनी के साथ मिलकर भारत में अमेठी में बनेगी। इसका वजन 4 किलोग्राम है। आर्मी के सर्विंग मेजर जनरल इस प्रॉजेक्ट को हेड करेंगे। AK-203 राइफल AK-47 सीरीज का ही अडवांस वर्जन है। पहले इस राइफल का नाम AK-103M था लेकिन बाद में इसे बदलकर AK-203 कर दिया गया। इसकी मैग्जीन में तीस गोलियां आएंगी। यह चार सौ मीटर के दायरे पर सौ फीसदी वार करेगी। यह इंसास राइफल की अपेक्षा बहुत ज्यादा हल्की और छोटी होगी। यह ज्यादा स्टेबल, भरोसेमंद तो है ही साथ ही इसकी एक्युरेसी भी ज्यादा है। इसका होल्ड भी बेहतर है। इस राइफल में पिकेटिनी रेव (राइफल के ऊपर लगा एक प्लेटफॉर्म, जिसमें नाइट विजन डिवाइस या दूर तक देखने के लिए डिवाईस लगाई जा सकती है) भी है। रूसी राइफल 7.62×39mm की गोलियां दागेगी जिससे दुश्‍मन का सफाया करना आसान होगा।

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इस राइफल से एक मिनट में छह सौ गोलियां मारी जा सकेंगी। यानी की हर सेकेंड में दस गोलियां निकलेंगी। इसे ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक दोनों तरह से प्रयोग किया जा सकता है। सबसे खास बात यह है कि यह किसी भी मौसम में काम करेगी, भारी ठंड, गर्मी या बारिश में भी काम करेगी और एक और खास बात की यह कभी जाम नहीं होगी।