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Kashmir में फिर आए दिन बहार के 32 साल बाद घाटी में सिनेमा हाल खुले

J&K Cinema Halls

अनुच्छेद 370 व 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में हो रहे तमाम बदलावों व बदलती तस्वीर का एक बड़ा सच रविवार को हूबहू सामने आया जब आतंकवाद के दौर में कश्मीर घाटी में बंद हो गई सिनेमा हॉल संस्कृति में 32 साल बाद रंग भरा जा सका। जी हां, शोपियां एवं पुलवामा में सिनेमा हॉल खुल जाने से कश्मीरियों के रुपहले पर्दे को करीब से देखने के सपनों को पंख लगे है। उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए अब तक 300 किमी का सफर तय कर जम्मू या फिर किसी अन्य स्थान पर जाना पड़ता था।

सिनेमाघर की मरम्मत कर शुरू कराया

कश्मीर (Kashmir) संभाग में एक ही सिनेमा हॉल आतंकवाद के दौर के 32 साल बाद बारामुला जिले में इसी साल मई महीने में खुला है। ये हॉल पट्टन के हैदरबेग में सैन्य छावनी परिसर में है। इसी कड़ी में सेना ने जर्जर हो चुके जोरावर हॉल सिनेमाघर की मरम्मत कर शुरू कराया है जिसे 21 मई को दर्शकों के लिए खोला गया। पहले ही दिन सिनेमा हॉल खचाखच भरा रहा। सरकार ने श्रीनगर के बादामीबाग छावनी परिसर में एक मल्टीप्लेक्स बनाने की अनुमति दी है। यहां पहले एक सिनेमा हॉल हुआ करता था लेकिन यह आतंकवाद के दौर में बंद हो गया था।

कश्मीर में सिनेमा हॉल बंद हो जाने की वजह से ज्यादातर युवाओं को पता भी नहीं है कि सिनेमा हॉल कैसा होता है और मल्टीप्लेक्स क्या है। घाटी के युवा जो बाहर पढ़ रहे हैं या फिर रोजी-रोजगार के सिलसिले में निकले हैं वे ही रुपहले पर्दे का आनंद ले पाए हैं अन्यथा घर पर टीवी और सोशल मीडिया के जरिये ही वे अपने शौक पूरे करने को विवश हैं।

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इन जगहों पर भी होगा सिनेमा हॉल का उद्घाटन

प्रवक्ता ने कहा कि अनंतनाग, श्रीनगर, बांदीपुरा, गांदेरबल, डोडा, राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़ और रियासी में जल्द ही सिनेमा हॉल का उद्घाटन किया जाएगा। कश्मीर का पहला आईनॉक्स मल्टीप्लेक्स अगले सप्ताह जनता के लिए खोला जाएगा। इसमें 520 सीट की कुल क्षमता वाले तीन सिनेमाघर होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार कोई संदेश देना चाहती है, एलजी सिन्हा ने कहा, ‘कोई संदेश नहीं है। यह ‘मिशन यूथ’ (सचिव) शाहिद इकबाल चौधरी के नेतृत्व में की गई एक पहल है।

कभी थे एक दर्जन सिनेमा हॉल

घाटी में 1980 के दशक के अंत तक लगभग एक दर्जन एकल सिनेमा हॉल थे, लेकिन दो आतंकवादी संगठनों द्वारा सिनेमा हॉल मालिकों को धमकी दिए जाने के बाद उन्हें कारोबार बंद करना पड़ा। हालांकि, अधिकारियों ने 1990 के दशक के अंत में कुछ थिएटर (Theatre) को फिर से खोलने का प्रयास किया, लेकिन सितंबर 1999 में लाल चौक क्षेत्र के मध्य में स्थित रीगल सिनेमा पर एक घातक ग्रेनेड हमला कर आतंकवादियों (Terrorists) ने इस तरह के प्रयासों को विफल कर दिया। दो अन्य थिएटर-नीलम और ब्रॉडवे ने संचालन शुरू किया था, लेकिन खराब प्रतिक्रिया के कारण उन्हें बंद करना पड़ा।