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Jinping-Modi साथ साथ दूसरी ओर चाँद पर चंद्रयान, यह है भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण

जैसे-जैसे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर उतरने का समय करीब आ रहा है, 140 करोड़ भारतीयों (Jinping-Modi) के दिलों की धड़कनें बढ़ रही हैं। ये रोमांच सपने को हकीकत में बदलने का है। यह पल ऐतिहासिक है। दुनिया आज सांपों का देश कहे जाने वाले भारत की तरफ देख रही है। यह मिशन इतना आसान नहीं है। रूस अभी-अभी फेल हुआ है। चांद पर वीरान मौसम, कई किमी में फैले गहरे गड्ढे, न वातावरण, ग्रैविटी अलग से परेशान करेगी, ऐसे माहौल में आज विक्रम के पांव चांद पर पड़ेंगा। विक्रम अपने साथ रोवर प्रज्ञान को लेकर उतरेगा।

उधर, ब्रिक्स देशों की बैठक में पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी (Jinping-Modi) के लिए भी गर्व का पल होगा। इस सफलता के बाद भारत सीना ताने ब्रिक्स में खड़ा रहेगा और उसका आत्मविश्वास सातवें आसमान पर होगा। चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग के सामने भारत की ये एक उपलब्धि होगी जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में डंके की चोट पर ऐलान करने वाली होगी। अभी तक केवल चीन एक दशक में तीन बार चांद पर सफलतापूर्वक अपना अंतरिक्ष यान उतार सका है। लेकिन ड्रैगन भी चांद के दक्षिण ध्रुव की तरफ अभीतक कदम नहीं बढ़ा सका है। उधर, भारत 2019 में चंद्रयान-2 के असफल लैंडिंग के बाद चार बाद फिर से चांद पर उतरने की तैयारी कर रहा है।

दुनिया की नजरें भारत की तरफ

आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर इसरो अपने लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतारेगा। इस दौरान पूरी दुनिया की नजरें भारत की तरफ होंगी। रूस के लूना-25 मिशन के असफल होने के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो को अब खुद को साबित करने का वक्त है। पिछली बार की असफलता से सीख लेकर इसरो ने इसबार के मिशन में कई बदलाव किए हैं। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कल कहा था कि पिछली बार के मिशन से सीख लेकर इसरो ने सारे बदलाव किए हैं। यही नहीं, लैंडर विक्रम के एक-एक कलपुर्जे की लगातार जांच-परख की जा रही है। ताकि अंतिम समय पर किसी प्रकार के खतरे से निपटा जा सके। इस वक्त लैंडर चांद की सतह से 25 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगा रहा है और अपने लिए उतरने की सुरक्षित जगह तलाश कर रहा है।

भारत की जय-जयकार

पीएम मोदी (Jinping-Modi) इस वक्त ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील की यात्रा पर हैं। वह 22-24 अगस्त तक यहां रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान पीएम मोदी चंद्रयान के लैंडर विक्रम की लैंडिंग वर्चुअली भी देखेंगे। इसरो का लैंडर जैसे ही चांद की सतह पर पहुंचेगा वैसे ही ये मौका पीएम मोदी के लिए भी अहम हो जाएगा। भारतीय पीएम कई मौकों पर देश की उन्नत अंतरिक्ष विज्ञान तकनीक का जिक्र कर चुके हैं। ऐसे में अगर चंद्रयान चांद की सबसे मुश्किल सतह पर उतरने में सफल रहा तो ये उनके लिए भी बड़ा मौका होगा। इस मौके को वो दुनिया में भारत की मजबूत अंतरिक्ष पकड़ के रूप में पेश कर सकते हैं। इस बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग भी पहुंचे हैं। उनके सामने भारत को अपनी उपलब्धि गिनाने का मौका मिलेगा।

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