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Kargil War: घुसपैठियों का खुलासा से लेकर भारत की जीत तक, कारगिल युद्ध के वो 85 दिन…

Kargil Vijay Diwas 2022: कारगिल युद्ध के वो 85 दिन

Kargil Vijay Diwas 2022: भारत की ओर जब भी दुश्मनों ने आंख उठा कर देखने की कोशिश की है मां भारती के वीर सपूतों में ऐसी सबक सिखाई है कि वो पूरी जिंदगी इसे याद रखते हैं। लेकिन, इस बाद भी पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। हर बार पाकिस्तान की ओर से युद्ध छेड़ा गया है और हर बार ये मुंह के बाल गिरा है। भारत ने जब भी पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाया तब-तब उसने धोखा दिया। देश में हर 26जुलाई को कारहिल विजय दिवन मनाया जाता है। ये दिन जुलाई 1999में कारगिल में पाकिस्कान सेना के खिलाफ लड़ाई जीतने के लिए जान की कुर्बानी देने वाले शहीद भारतीय वीर जवानों के बलियादन का सम्मान करने वाला दिन है। आज से ठीक 23वर्ष पहले पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों ने नियमंत्रण रेखा के साथ भारतीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घुसपैठ शुरू कर दी। जम्मू-कश्मीर के कारगिल जिले के पहाड़ी इलाके में पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों जवानों और जिहादियों ने घुसपैठ की।

पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ सैन्य अभियान की योजना बनाई थी। जिसे पाक सेना के तत्कालीन प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ और तीन अन्य जनरलों मोहम्मद अजीज, जावेद हसन और महमूद अहमद शामिल थे। कारगिल युद्ध की शुरुआत 3मई को ही हो गई थी, क्योंकि इसी दिन आतंकियों ने घुसपैठ शुरू की। युद्ध की समाप्ति 26जुलाई को हुई। इस तरह कुल 85दिनों तक ये जंग चली। हालांकि, युद्ध दोनों देशों के बीच 60दिनों तक चला, जिसे ऑपरेशन विजय नाम से जाना जाता है।

देखें कब-कब क्या हुआ

3मई 1999- इसी दिन स्थानीय चरवाहों ने कारगिल के पहाड़ी क्षेत्र में कई हथियारबंद पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को देखा। जिसके बाद उन्होंने भारतीय सेना को इसकी सूचना दी।

5मई 1999- कारगिल के इलाके में घुसपैठ की खबरों के जवाब में भारतीय सेना के जवानों को वहां पर भेजा गया। इस दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के साथ लड़ाई के दौरान पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए।

9मई 1999- पाकिस्तानी सेना और आतंकी कारगिल में ऊपर पहाड़ी पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली। जिसके चलते भारतीय सेना के गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलाबारी की।

10मई 1999- अगले कदम के रूप में पाकिस्तानी सेना के जवानों ने LOC के पार द्रास और काकसर सेक्टरों सहित जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में घुसपैठ कर कब्जा कर लिया।

10मई 1999- इसी दिन दोपहर में भारतीय जवानों ने 'ऑपरेशन विजय' की शुरुआत की। घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए कश्मीर घाटी से अधिक संख्या में सैनिकों को कारगिल जिले में ले जाया गया।

26मई 1999- भारतीय वायुसेना ने हवाई हमले शुरू किए। जिसमें कई पाकिस्तानी घुसपैठियों का सफाया किया गया।

1जून 1999- फ्रांस और अमेरिका ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही पाकिस्तान इसी दिन हमलें तेज करते हुए नेशनल हाइवे 1को निशाना बनाया।

5जून 1999- भारत ने दस्तावेज जारी किए जो पाकिस्तानी सेना हमले में हाथ होने का खुलासा कर रहे थे।

9जून 1999- पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारते हुए मां भरती के वीर सपूतों ने जम्मू-कश्मीर के बटालिक सेक्टर में दो प्रमुख पॉजिशन्स पर दोबारा कब्जा किया।

13जून 1999- ये दिन पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि- भारतीय सेना ने टोलोलिंग चोटी पर फिर से कब्जा कर लिया। इस दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल का दौरा किया।

20जून 1999- टाइगर हिल के पास महत्वपूर्ण ठिकानों पर भारत का फिर से कब्जा हुआ।

4जुलाई 1999- पूरे टाइगर हिल पर कब्जा

5जुलाई 1999- अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद कारगिल से पाकिस्तानी सेना के वापस लौटने का ऐलान।

12जुलाई 1999- पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया।

14जुलाई 1999- इस दिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सेना के ऑपरेशन विजय को सफलतापूर्वक पूरा होने का ऐलान किया।

26 जुलाई 1999- पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले सभी पॉजिशन्स को फिर से भारतीय जवीनों ने अपने कब्जे में लेकर जीत का झंडा फहराया। कारगिल युद्ध 2 महीने तीन हफ्ते से अधिक वक्त तक चला। इसमें 500 से अधिक जवान शहीद हुए थे। पाकिस्तान की बात करें तो उसके 3,000 से अधिक सैनिक और आथंकियों की मौत हुई थी।