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1971 युद्ध, भारत ने महज 13 दिनों में पाकिस्तान का गुरूर किया ‘चकनाचूर’

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हिंदुस्तान जैसा कोई नहीं.. 1947 में जब पाकिस्तान की भारत के साथ पहली लड़ाई की शुरूआत हुई तो वो युद्ध लगभग डेढ़ साल तक चला। 1965 महीने में जब युद्ध हुआ तो 7 महीने तक चला था। 1999 में जब करगिल में हुआ तो लगभग तीन महीना चला, लेकिन, 1971 का युद्ध केवल 13 दिन में खत्म हो गया। हिंदुस्तान हर युद्ध में पाकिस्तान को मात देता आया है, आज हम बात करेंगे 1971 के युद्ध की… जिसे जीतकर भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और पूर्वी पाकिस्तान को एक नया नाम दिया 'बांग्लादेश'… पाकिस्तान की अपनी जमीन थी।

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सैकड़ो सैनिक थे… दमदार हथियार थे, लेकिन कमी थी तो समझदारी और शौर्य की। नतीजा ये हुआ कि पाकिस्तान के करीब 93 हजार सैनिकों को भारत के आगे घुटने टेकने पड़े.. जंग की असल जमीन 1970 में हुए आम चुनाव में तैयार हुई थी.. बताया जाता है कि चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान की 169 में से 167 सीटें हासिल करने के बावजूद भी मुजीबुर्रहमान की पार्टी आवामी लीग को पाकिस्तान ने सत्ता नहीं सौंपी। नतीजतन पूर्वी पाकिस्तान में तबाही का मंजर शुरू हो गया। पूर्वी पाकिस्तान में बगावत को दबाने के लिए पाकिस्तान ने जनरल टिक्का खान को लगाया। जनरल टिक्का खान को उसकी बर्बरता की वजह से पूर्वी पाकिस्तान के लोग कसाई कहते थे।

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जनरल टिक्का खान की अगुवाई में पाकिस्तान की सेना ने बर्बरता की हदें पार कर दीं। बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की गईं, लाखों लोगों को मार डाला गया। अकेले चटगांव में एक लाख से ज्यादा लोग मारे गए। पाक फौज के जुल्मों से बचने के लिए लाखों शरणार्थियों ने भारत की तरफ रुख करना शुरू कर दिया। बेवजह लोगों को गिरफ्तार किया जाने लगा। खौफ फैलाने के लिए लाखों लोगों को मौत के घाट उतारा गया। पाक फौज से जान बचाने के लिए लोग भारत में शरण लेने लगे। ये देख बौखलाए पाकिस्तान ने 3 दिसंबर 1971 को भारत पर हमला कर दिया, लेकिन महज 13 दिनों में भारत ने पाकिस्तान का गुरुर चकनाचूर कर दिया। दुनियाभर के लिए हैरान वाली बात ये थे कि भारत के करीब 3 हजार सैनिकों ने पाकिस्तान के 26 हजार जवानों को धूल चटा दी थी।