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मुस्लिम बहनों ने RSS के प्रचारक इंद्रेश कुमार को बांधी राखी, कसमसा कर रह गए ‘लम्बी-लम्बी दाढ़ी और ऊंचे पायजामे’ वाले कुछ लोग

मुस्लिम महिलाओं ने इन्द्रेश कुमार को बांधी राखी

जब देश का मसला आता है तो भला महिलाएं कैसे पीछे रह सकती हैं। लमही के सुभाष भवन में जुटी दलित एवं मुस्लिम महिलाओं ने प्रख्यात समाज सुधारक एवं आरएसएस के शीर्ष नेता इन्द्रेश कुमार की कलाई पर तिरंगा राखी बांधकर अपने घरों पर तिरंगा फहराने का बचन दिया। महिलाओं ने आरती उतारी तिलक लगाया और अपने बड़े भाई के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ गईं।

विशाल भारत संस्थान एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में रिश्तों का महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन सुभाष भवन, इन्द्रेश नगर, लमही में किया गया।

मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीति से मुक्ति दिलाने वाले इन्द्रेश कुमार को मुस्लिम महिलाएं अपना भाई मानती हैं। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाकर सम्मान की जिन्दगी दिलाने वाले इन्द्रेश कुमार मुस्लिम महिलाओं के बीच श्रद्धा के साथ देखे जाते हैं, वहीं दलित महिलाओं को लेजाकर विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कराए जिससे दलित परिवार के लोग इन्द्रेश कुमार को अपना अभिभावक मानते हैं। राखी बांधने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ जुटी थी।

इस अवसर पर इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत रिश्तों का देश है। यहां हर कोई किसी न किसी रिश्ते से जुड़ा है। भाई बहन का रिश्ता दुनियां का सबसे पवित्र रिश्ता है। रिश्तों की डोर में बंधने से सामाजिक बुराइयां खत्म होती है, रिश्तेदारी मजबूत होती है, नफरत खत्म होती है और मोहब्बत बढ़ती है। सामाजिक ताना बाना रिश्तों से ही चलता है। अब तो पूरी दुनियां भारतीय रिश्तों की कायल हो गयी है। आज पश्चिमी देश रिश्तों की कमी की वजह से सामाजिक बिखराव की तरफ हैं। दुनियां अपने नागरिकों के रिश्ते को बचाना चाहती है तो इस रक्षाबन्धन के बहाने रिश्तों के महोत्सव को स्वीकार करें।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी ने कहा कि मुस्लिम महिलायें कभी इन्द्रेश जी का एहसान नहीं भूल सकती। उन्होंने न सिर्फ रिश्तों के महत्व को समझाया, बल्कि रिश्तों को निभाया भी। 2013 में जब मुस्लिम महिलाओं ने राखी बांधी तब इन्द्रेश कुमार ने उनको तीन तलाक और हलाला जैसी घृणित प्रथा के पाप से मुक्ति दिलाई।

विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा० राजीव श्रीगुरूजी ने कहा कि रिश्तों की डोर इतनी मजबूत है कि हम भारतीय अपनी महिलाओं की भी रक्षा करते हैं और दूसरे देशों की महिलाओं की रक्षा करने का माद्दा रखते हैं।