आजादी के अमृत महोत्सव पर मोदी सरकार ने पाकिस्तान के हिंदू डॉक्टरों को भारत में क्लीनिक खोलने और प्रैक्टिस करने की इजाजत दे दी है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान का नाम सुनते ही हर किसी के जुबान पर अत्याचार और आतंकवाद का नाम आता है। क्योंकि आतंकवाद को जन्म देने वाला पाकिस्तान ही है। जिसका वो इस्तेमाल भारत में अशांति फैलाने के लिए करता है। भारत से अगल हुए पाकिस्तान आज इन्हीं आतंकियों के चलते खुद परेशान है। दोनों मुल्क एही दिन आजादी का जश्न मनाते हैं। इतने वर्षों में जहां भारत ने तकनीक, अंतरिक्ष से लेकर हर एक क्षेत्र में इतना प्रगति की है कि आज दुनिया के बड़े से बड़े देश जुड़ना चाहते हैं। वहीं, दूसरी ओऱ पाकिस्तान कंगाली की राह पर है। उसके अपने ही आतंकी नासूर बने हुए हैं। पाकिस्तान इस वक्त भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यही आलम रहा तो जल्द दूसरा श्रीलंका बन जाएगा। लेकिन, इसके बाद भी यहां पर अल्पसंखकों पर अत्याचार करने से बाज नहीं आता। इस बीच खबर है कि, भारत सरकार पाकिस्तान के हिंदू डॉक्टरों को इलाज करने की इजाजत दे दी है।
दरअसल, भारत ने पाकिस्तान से आए उन हिंदू डॉक्टरों के लिए दरवाजे खोल दिए हैं, जो 31 दिसंबर 2014 के बाद अपना वतन छोड़कर यहां आ गए और प्रैक्टिस कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने ऐसे लोगों से आवेदन मांगे हैं, जिन्होंने आधुनिक चिकित्सा या एलोपैथी की प्रैक्टिस करने के लिए जरूरी स्थायी रजिस्ट्रेशन अनुदान के लिए भारत की नागरिकता प्राप्त की है। NMC के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूएमईबी) द्वारा शुक्रवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस के अनुसार, शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदकों को आयोग या इसके द्वारा अधिकृत एजेंसी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
जून में NMC ने विशेषज्ञों के एक टीम का गठन किया था ताकि, पस्तावित परीक्षण के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए जा सकें। पाकिस्तान से प्रताड़िन अल्पसंख्यकों के बीच मेडिकल स्नातकों को सक्षम बनाने की भी पहल की गई है। इसके बाद वे यहां प्रैक्टिस करने के लिए स्थायी रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर सकेंगे। UMEB के अनुसार आवेदक के पास एख वैध चिकिस्ता योग्यता होनी चाहिए औऱ भारत में प्रवास से पहले पाकिस्तान में प्रैक्टिस किया होना चाहिए।
इसके जमा करने की आखिरी तारीख 5 सितंबर है।आवेदकों को एनएमसी वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भरने के लिए दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी गई है। आयोग द्वारा ऑफलाइन आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। आयोग द्वारा संबंधित एजेंसियों और विभागों के परामर्श से सभी आवेदनों की जांच की जाएगी। शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदकों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी। वहीं, नोटिस में बताया गया है कि, परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले आवेदक भारत में आधुनिक चिकित्सा या एलोपैथी की प्रैक्टिस करने के लिए स्थायी रजिस्ट्रेशन के लिए पात्र होंगे।