आयुष गोयल
NIA In Action:छआतंकवाद-रोधी संघीय जांच एजेंसी National Investigation Agency(NIA) ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय के समाने यह बात रखी कि उसने लंदन में भारतीय उच्चायोग पर 19 मार्च को हुए हमले के पीछे की साज़िश की पूरी रूपरेखा जानने और खुलासा करने के लिए पंजाब और हरियाणा में 31 स्थानों पर छापे मारे हैं और विभिन्न हमलावरों को न्याय के कठघरे में ले आया है।
एनआईए ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम लंदन हमले में दोषियों की पहचान करने और भारत और विदेश में स्थित अपराधियों, उनके सहयोगियों और उनके समर्थकों को गिरफ़्तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।”
National Investigation Agency(NIA) ने कहा, “हम इस घटना की व्यापक जांच कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा के इस तरह के उल्लंघन, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर या विदेश में भारतीय हितों के लिए कोई ख़तरा न हो।”
जिन ज़िलों में ये छापेमारी हुई, उनमें पंजाब में मोगा, बरनाला, कपूरथला, जालंधर, होशियारपुर, तरनतारन, लुधियाना, गुरदासपुर, एसबीएस नगर, अमृतसर, मुक्तसर, संगरूर, पटियाला, मोहाली और हरियाणा में सिरसा शामिल हैं। ये छापे ब्रिटेन स्थित ग़ैर सरकारी संगठन खालसा एड के दो परिसरों सहित पटियाला में खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स (केटीएफ़) के उग्रवादी परमजीत सिंह पम्मा के घर और जालंधर में ब्रिटेन स्थित खालिस्तानी अलगाववादी लवशिंदर सिंह के घर और अन्य लोगों के घर पर मारे गये।इनके नाम ब्रिटेन में भारत विरोधी खालिस्तानी गतिविधियों को बढ़ाने में सामने आया था।
कहा गया है कि छापेमारी से डिजिटल डेटा ज़ब्त किया गया, जिसमें उच्चायोग पर हमले में शामिल आरोपी व्यक्तियों से संबंधित जानकारी और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज़ और सबूत शामिल थे।
लंदन में भारतीय उच्चायोग पर मार्च में लगभग 50 लोगों के एक समूह ने हमला किया था, जिन्होंने आपराधिक अतिक्रमण किया, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अनादर किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया और भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को घायल कर दिया। एजेंसी ने कहा, “हमले का आयोजन गुरचरण सिंह, दल खालसा, यूके द्वारा किया गया था; केएलएफ के अवतार सिंह खंडा, जसवीर सिंह और उनके कई सहयोगी, दोनों भारतीय और विदेशी नागरिक, जिनकी पहचान एजेंसी की जांच के हिस्से के रूप में की गई है।”
हमले की जांच के लिए एनआईए की एक जांच टीम ने मई 2023 में यूके का दौरा किया था। इसके बाद, घटना में शामिल यूके स्थित संस्थाओं और व्यक्तियों की पहचान करने और उनके बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए सूचना की एक क्राउडसोर्सिंग भी की गयी, जिसके आधार पर एजेंसी ने कई हमलावरों की पहचान की।