Christian Protests: लंदन (यूके), 22 अगस्त (एएनआई): चर्चों को जलाने और अपवित्र करने के बढ़ते मामलों और पाकिस्तान में हमलों के विरोध में पूरे यूरोप से ईसाई सोमवार को लंदन में पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर एकत्र हुए।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि उनका प्रदर्शन क़ुरान के कथित अपमान को लेकर पाकिस्तान के जारनवाला में 21 चर्चों और सैकड़ों ईसाई घरों पर हुए बर्बर हमले के ख़िलाफ़ था।
उन्होंने जघन्य अपराध करने वालों को न्याय के कठघरे में लाने की भी मांग की है।
डॉन न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को एक ईसाई युवक को पाकिस्तान पुलिस ने ईशनिंदा क़ानून और इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए) 2016 के तहत कथित घृणा सामग्री (पत्र) को दोबारा पोस्ट करने और शेयर करने के लिए गिरफ़्तार कर लिया था।
डॉन न्यूज़ ने बताया कि जिस पत्र को युवक ने साझा किया था, उसने जरनवाला में ईसाई समुदाय के ख़िलाफ़ हिंसा फैलाने में योगदान दिया था और उसे चक 186/9-एल से गिरफ़्तार किया गया था।
ह्यूमन राइट्स फ़ोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) की एक फ़ैक्ट फ़ाइंड रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में फ़ैसलाबाद के जारनवाला में ईसाई समुदाय को निशाना बनाकर की गयी हिंसा में कुल 19 चर्च जला दिए गये और 89 ईसाई घर जला दिए गए।
एचआरएफ़पी रिपोर्ट में कहा गया है कि 16 अगस्त को जारनवाला में चर्चों और ईसाइयों पर भीड़ के हमले में कुल 19 चर्च पूरी तरह से जला दिए गए थे, जबकि दो चर्च और कुछ प्रार्थना कक्ष/सामुदायिक हॉल भी प्रभावित हुए थे।
इसने आगे कहा कि कुल मिलाकर 400 से अधिक घर प्रभावित हुए, पादरी और पुजारियों सहित 89 ईसाई घर पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए, जबकि 15 घर आंशिक रूप से तबाह हो गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले की शुरुआती रातों को 10,000 से अधिक ईसाई गन्ने और अन्य खेतों में छिप गए थे।
एचआरएफ़पी ने कहा कि उसकी रिपोर्ट घटना स्थलों पर फ़ैक्ट फ़ाइंड मिशन यात्रा, पीड़ितों, परिवारों, स्थानीय निवासियों, चर्च नेताओं, पड़ोस, पत्रकारों, पुलिस अधिकारियों, स्थानीय अधिकारियों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और प्रभावित होने वालों के साक्षात्कार के माध्यम से प्रत्यक्ष जानकारी और साक्ष्य पर आधारित थी।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एचआरएफ़पी टीम ने 150 से अधिक पीड़ितों और परिवारों और चर्च नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात की थी, जिन्होंने पीड़ितों और धार्मिक उत्पीड़न, नुक़सान और उन्हें तत्काल और लंबे समय तक मदद करने की तत्काल ज़रूरतों के बारे में अपनी-अपनी बातें बतायीं ।
एचआरएफ़पी फ़ैक्ट फ़ाइंड टीम ने देखा कि घरेलू सामान लूट लिया गया और बाक़ी जला दिए गए। इसमें कहा गया है कि चूंकि लोग समय पर भाग गए, इसलिए वे बच पाने में सफल रहे। मानवाधिकार टीम ने कहा कि जो लोग भाग गए, उनमें से अधिकांश दर्दनाक परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, कई लोग घायल हुए हैं और कुछ महिलाओं ने दुर्व्यवहार की शिकायत की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से ज़्यादातर को डर था कि वे कभी भी अपने घर नहीं लौटना चाहते।