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“अकेले अनिल एंटनी ही नहीं, भाजपा में और भी नेता शामिल होने को तैयार”

पियूष गोयल के साथ बीजेपी का दामन थामते अनिल एटनी

अभी हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हुए हैं। इसके बाद केरल की सियासत गरमा गयी है। मगर,बीजेपी के केरल प्रमुख के सुरेंद्रन ने कहा है कि यह सिलसिला यहीं नहीं थमने वाला,अभी और भी नेता भगवा खेमे में शामिल होंगे।

पहले ही कांग्रेस छोड़ चुके अनिल एंथोनी गुरुवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और वी मुरलीधरन की मौजूदगी में औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गए। उनके शामिल होने के समय के सुरेंद्रन और पार्टी के वरिष्ठ नेता तरुण चुघ और अनिल बलूनी भी मौजूद थे। गुरुवार को एएनआई से बात करते हुए सुरेंद्रन ने इस सवाल पर कि क्या अनिल एंथोनी के शामिल होने से इस दक्षिणी राज्य में बीजेपी की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा और ईसाई मतदाताओं के बीच इसकी स्वीकार्यता बढ़ेगी, उन्होंने कहा, “एके एंटनी वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं, जिन्होंने पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। आज उनके पुत्र अनिल एंटनी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। जल्द ही और कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल होंगे।’

उन्होंने आगे कहा, “अनिल एंटनी भाजपा में शामिल होने वाले कई विपक्षी नेताओं में से एक हैं। यहां तक कि विपक्षी खेमे के विद्वान और उच्च शिक्षित नेता भी अब भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हम कांग्रेस और वामपंथियों के कई अन्य नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।”

दक्षिणी राज्य में बेहतर वोट शेयर की उम्मीद करते हुए जहां भगवा पार्टी अभी तक कोई महत्वपूर्ण चुनावी बढ़त हासिल नहीं कर पायी है, वहीं भाजपा के राज्य प्रमुख ने कहा, “पिछली बार केरल में हमारा वोट शेयर अधिक नहीं था। हालांकि, इस बार हमें ईसाई वोटों का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने की उम्मीद है, क्योंकि ईसाई समुदाय ने इस बात को प्रदर्शित कर दिया है कि मोदी जी के काम में उनका पूरा विश्वास है।”

उन्होंने कहा,”हम राज्य में कई अभियान चला रहे हैं। ‘हैप्पी ईस्टर घर-घर चलो’ अभियान 9 अप्रैल से पूरे राज्य में चलाया जायेगा। इस अभियान के दौरान हम ईसाइयों को भाजपा से जोड़ने का प्रयास करेंगे, जिसका हमारे वोट शेयर पर काफ़ी प्रभाव पड़ेगा।”

कांग्रेस के इस दिग्गज नेता के बयान पर कि वह अपने बेटे के भाजपा में शामिल होने से दुखी थे, सुरेंद्रन ने कहा, “एके एंटनी छह दशकों से कांग्रेस के साथ हैं और अगर उनका बेटा भाजपा में शामिल होता है, तो उन्हें बुरा लगना स्वाभाविक है। अनिल एंटनी ने ख़ुद को भाजपा में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।”

पूर्व में केरल में कांग्रेस के सोशल मीडिया सेल के समन्वयक, अनिल ने जनवरी में बीबीसी वृत्तचित्र श्रृंखला पर विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में आने के बाद जनवरी में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफ़ा दे दिया था।

डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ को लेकर बीबीसी पर कड़ा प्रहार करते हुए अनिल ने ब्रिटिश पब्लिक ब्रॉडकास्टर को भारत के ख़िलाफ़ “पूर्वाग्रहों के एक लंबे इतिहास वाला एक राज्य प्रायोजित चैनल” क़रार दिया।

एंटनी ने कहा था,”बीजेपी के साथ बड़े मतभेदों के बावजूद, मुझे लगता है कि भारत में जो लोग बीबीसी के विचारों को रखते हैं, ब्रिटेन के इस राज्य-प्रायोजित चैनल के साथ पूर्वाग्रहों का एक लंबा इतिहास रहा है, और इराक़ युद्ध के पीछे का दिमाग़ रहा जैक स्ट्रॉ भारतीय संस्थानों को लेकर एक ख़तरनाक़ मिसाल क़ायम कर रहे हैं।”

उन्होंने बाद में बताया कि “रात भर” धमकी भरे कॉल और नफ़रत भरे संदेश आते रहे।

ट्विटर पर अपने इस्तीफ़े को लेकर पोस्ट करते हुए एंटनी ने कांग्रेस का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि उन्हें “अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए लड़ने” वाले ट्वीट को वापस लेने के लिए अनेक असहिष्णु कॉल प्राप्त हुए हैं।

अनिल के एंटनी ने एक ट्वीट में कहा,”मैंने @incindia, @INCKerala में अपनी भूमिकाओं से इस्तीफा दे दिया है। बोलने की आज़ादी के लिए लड़ने वालों की तरफ़ से इस ट्वीट को हटा लेने के लिए कई असहिष्णु कॉल आये। मैंने ऐसा करने से मना कर दिया। प्यार को बढ़ावा देने वाला रास्ते का समर्थन करने वालों द्वारा नफ़रत / गालियों से भरा फ़ेसबुक वॉल ! इसी को पाखंड कहते हैं ! जीवन आगे बढ़ जाने का नाम है।”

ज़ाहिर है,कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ सोनिया गांधी के नज़दीकी माने जाने वाले ए.के.एंटनी के बेटे का कांग्रेस का अलविदा कहना और बीजेपी का दामन थामना कोई छोटी घटना नहीं है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एंटनी के इस क़दम को केरल में कांग्रेस के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है।