संविधान दिवस पर पीएम मोदी आज विपक्षी दलों पर जमकर बरसे। पीएम मोदी ने कांग्रेस और लालू यादव का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ सियासी दलों और उनके नेताओं ने अपनी कैरेक्टर ही खो दिया है। परिवारवाद और भ्रष्टाचार के साथ गठजोड़ कर लिया है। ये भारत के लोकतंत्र के लिए गंभीर विषय है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।' प्रधानमंत्री मोदी ने 'राजनीति में परिवारवाद' का सहारा लेते हुए कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों को घेरा। उन्होंने कहा, ''भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वो है पारिवारिक पार्टियां।
#WATCH | Party for the family, by the family…do I need to say more? If a party is run by one family for many generations, then, it isn't good for a healthy democracy, says PM Modi during an address at the Parliament on #ConstitutionDay pic.twitter.com/q1t2UqI0Pm
— ANI (@ANI) November 26, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'राजनीति में भ्रष्टाचार' का सहारा लेकर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर भी हमला बोला। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''क्या हमारा संविधान भ्रष्टाचार की अनुमति देता है? चिंता तब होती है, जब न्यायपालिका ने किसी को सजा दे दी हो। राजनीतिक स्वार्थ के कारण उसका भी महिमामंडन चलता है। भ्रष्टाचार को नजरअंदाज कर, सारी मर्यादाओं को तोड़कर उनके साथ लोगों का उठाना-बैठना शुरू हो जाता है। ऐसे में देश को नौजवानों को लगता है कि भ्रष्टाचार के रास्ते पर चलना खराब नहीं है, लोग कुछ समय बाद इसे स्वीकार कर लेते हैं।''
ऐसा लगता है संभवतः विपक्षी दलो को भनक लग गई थी कि पीएम मोदी आज जमकर धोने वाले हैं। इसीलिए प्रमुख विपक्षी दलों ने संविधान दिवस कार्यक्रम से किनारा कर लिया।
विपक्षी दलों की ओर से किए गए बहिष्कार पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस और 14 विपक्षी दलों का संसद में संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार करना भारत के संविधान का अनादर है। यह साबित करता है कि कांग्रेस केवल नेहरू परिवार के नेताओं का सम्मान कर सकती है, बीआर अंबेडकर सहित किसी अन्य नेता की नहीं।