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यहां हमेशा रहती है पाकिस्तान की नजर,जाने इस सबसे लंबे हाइवे की खासियत

Longest NH of India

देश में हाल में सड़कों का तेजी से विकास (Road Development) हो रहा है। किसी भी देश के विकास में सड़कों (Roads) की अहम भूमिका होती है। यही वजह है कि देश में कई शहरों को जोड़ने के लिए हाइवेज और एक्सप्रेसवेज का जाल बिछाया जा रहा है। ऐसे में देश में यदि सरकार के किसी एक मंत्री की सबसे ज्यादा तारीफ होती है तो वो और कोई नहीं बल्कि सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी है। क्योंकि पहले के मुकाबले देश में सड़कों का तेजी से विकास (Road Development) हो रहा है। यही नहीं वैश्विक स्तर पर किसी भी देश के विकास सड़कों (Roads) की तरक्की से भी मापा जाता है।

यहां है दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे

मालूम हो देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई के बीच बन रहा है। इसकी लंबाई 1350 किमी है और इसे दुनिया का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे माना जा रहा है। पर देश के सबसे लंबे नेशनल हाइवे की लंबाई इससे करीब तीन गुना ज्यादा है। वो नेशनल हाइवे है एनएच-44. यह हाइवे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से शुरू होकर तमिलनाडु के कन्याकुमारी (Kanyakumari) को जोड़ता है। इसकी लंबाई करीब 3,745 किलोमीटर है। यह देश के उत्तरी छोर को दक्षिणी छोर से जोड़ता है, लगभग 3,745 किलोमीटर लंबे एनएच 44 को पहले एनएच 7 के नाम से जाना जाता था।

ये हाइवे पाक सीमा के पास से गुजरता है

यह हाइवे देश की सुरक्षा के लिहाज से भी बहुत अहम है। क्योंकि यह पाकिस्तान (Pakistan) से सटे कई इलाकों से गुजरता है। यही वजह है कि इस पर होने वाली गतिविधियों पर पाकिस्तान की खास नजर रहती है। NH 44 पठानकोट से होते हुए उधमपुर, अनंतनाग, श्रीनगर और उरी तक जाता है। पंजाब से लेकर जम्मू-कश्मीर तक जाने वाले इस हाइवे से पाकिस्तान की सीमा ज्यादा दूर नहीं है। कुछ इलाकों में तो पाकिस्तान सीमा इससे महज छह किलोमीटर दूर है। इसी वजह से पठानकोट-जम्मू हाइवे पर भारतीय सेना की हमेशा निगरानी रहती है। हर मौसम में इसकी 24 घंटे कड़ी चौकसी की जाती है।

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हाइवे का रूट कुछ ऐसा

इस हाइवे की शुरुआत जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजधानी श्रीनगर से होती है। वहां यह उधमपुर और अनंतनाग से गुजरता है। पंजाब में यह पठानकोट, लुधियाना और जालंधर को जोड़ता है। इसके बाद यह हरियाणा से होता हुआ उत्तर प्रदेश में आता है। उत्तर प्रदेश में यह आगरा और मथुरा से गुजरता है। इसका अगला पड़ाव मध्य प्रदेश का ग्वालियर है। मध्य प्रदेश के बाद इसकी अगली मंजिल महाराष्ट्र का नागपुर है। इसके बाद यह तेलंगाना के आदिलाबाद और आंध्र प्रदेश के कुरनूल से गुजरता है। इसके बाद यह कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु होते हुए तमिलनाडु चला जाता है और फिर मंजिल कन्याकुमारी पहुंचता है।