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PM Narendra Modi स्वयंसेवक से प्रधानसेवक! फिल्मी कहानी जैसा है यह सफर

Pm Modi Birthday: 17 सितंबर 1950 को जन्मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi Birthday) आज अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने आजाद भारत में जन्म लिया। एक साधारण परिवार में जन्में पीएम मोदी (Pm Modi Birthday) का सत्ता के शिखर पर पहुंचना असाधारण था। पीएम मोदी आज लाखों-करोड़ों के लिए प्रेरणा हैं कि इंसान अगर चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता है। उनके जिवन में संघर्षों का दौर कम नहीं रहा। कभी वो ठंड में बाहर ही सो जाते तो कभी रात में गुड़-चने खाकर सो जाते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंदर देश सेवा का भाव बचपन से ही था, पहले वो आर्मी में जाना चाहते थे लेकिन घर की आर्थिक हालात ने गवाही नहीं दी। जिसके बाद उन्होंने देश सेवा में पूरी तरह से अपने आप को लगा दिया। पीएम मोदी का स्‍वयंसेवक से प्रधानसेवक बनने तक का सफर किसी फिल्‍मी कहानी से कम नहीं है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता की शुरुआत 2001 में हुई थी जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। वो गुजरात सीएम के पद पर 2014 तक रहे। इसके बाद पीएम मोदी 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री देश के 15वें प्रधानमंत्री बने। देश के तत्कालीन राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्‍हें शपथ दिलाई थी। पांच साल बाद 2019 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोदी की अगुआई में फिर चुनाव जीता। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की। गुजरात के वड़नगर में एक साधारण परिवार में जन्में पीएम मोदी के पिता का नाम दामोदार दास मूलचंद मोदी था। उनकी मां का नाम हीराबेन है। 5 भाई-बहनों में पीएम मोदी दूसरे नंबर पर आते हैं। उनके पिता की रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। इस बात जिक्र खुद पीएम मोदी कई बार कर चुके हैं और यह भी बता चुके हैं कि वह खुद चाय बेचा करते थे। 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वो स्टेशन से गुजरने वाले सैनकिों को चाय पिलाते थे।

तालाब से उड़ा लाये थे घड़ियाल का बच्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वड़नगर में भगवताचार्य नारनायणाचार्य स्कूल में पढ़ते थे। एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में वो खूब भाग लेते। उन्होंने एक्टिंग, डिबेट, नाटकों में हिस्‍सा लेना बहुत पसंद था। वह एनसीसी में भी शामिल हुए। प्रधानमंत्री एक बार घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर लाये थे। पीएम मोदी काफी छोटे थे वो पास के तालाब से एक घड़ियाल के बाच्चे को पकड़कर घल लाये। जिसके बाद मां ने उन्हें काफी समझाया-बुझाया तो वो उसे वापस लेजाकर तालाब में छोड़ आए।

1970 में ही RSS से जुड़ गए थे


राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुराना रिश्ता है। वो वर्ष 1970 के शुरुआती दशक से ही संघ से जुड़ गए थे। मेहनती और कर्मठ पीएम मोदी में लोगों को कुशल प्रबंधकर्ता दिखता था। धीरे-धीरे उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारियां दी जाने लगीं। तमाम आरएसएस नेताओँ के ट्रेन और बस के रिजर्वेशन की जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाल दी गई। जिसके बाद संगठन के भीतर उनका कद बढ़ता गया।

इमरजेंसी के दौरान सरदार बन गए थे


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1975 में इमरजेंसी के दौरान जब पुलिस उनके पीछे पड़ी थी तो वो सरकार का वेश रखकर ढाई साल तक पुलिस को छकाये। पीएम मोदी को हम अबतक दाढ़ी में देखते आए हैं। वो शुरू से ही दाढ़ी रखते थे। इसके साथ ही वो अपने ज्यादातक काम खुद से ही कर लेते थे। कपड़ों को धुलने में ज्यादा परेशानी नहीं हो इसके लिए वो कुर्ते की बांह को काटवाकर पहनने लगे। बाद में यही उनका स्टाइल बन गया।

जब पहली बार अमेरिका गए थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुरुआत से ही घूमने फिरने का शौक रहा है। 90 के दशक में वो पहली बार अपने दोस्तों के साथ अमेरिका गए थे। अमेरिका में उन्होंने मैनेजमेंट और पब्लिक रिलेशन से जुड़ा तीन महीने का कोर्स किया है। वहीं, 26 जनवरी 1992 को गणतंत्र दिवस के मौके पर बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुआई में कश्‍मीर के लाल चौक पर बीजेपी ने तिरंगा झंडा फहराया था। उस वक्‍त नरेंद्र मोदी भी साथ थे। वहां तक पहुंचने का सफर कन्‍याकुमारी से शुरू हुआ था। यात्रा के प्रबंधन का पूरा काम नरेंद्र मोदी के हाथों में ही था। उन्‍होंने बहुत कुशलता के साथ यह काम किया था।

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पीएम मोदी एकता यात्रा की शुरुआत से ही मुरली मनोहर जोशी के साथ थी। इसकी शुरुआत कन्‍याकुमारी से दिसंबर 1991 में हुई थी। यात्रा का अंतिम पड़ाव कश्‍मीर था। इस दौरान मुरली मनोहर जोशी और नरेंद्र मोदी की साथ ली गई तस्‍वीर। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री (2001-2014) रह चुके हैं। 7 अक्‍टूबर 2001 को पहली बार उन्‍होंने गुजरात के सीएम के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।

2014 में बने देश के पीएम


नरेंद्र मोदी ने देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में 26 मई 2014 को शपथ ली। उत्तर प्रदेश के वाराणसी से बीजेपी सांसद पीएम मोदी 2014 के लोकसभा चुनावों में वडोदरा लोकसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था। दोनों ही सीटों से उन्हें भारी मतों से जीत मिली थी। बाद में उन्होंने वडोदरा सीट को छोड़ दिया। इसके बाद पांच साल बाद 2019 में वो फिर से चुनाव जीते और दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।

आईएन ब्यूरो

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