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केदारनाथ धाम में भावुक हुए PM Modi, बोले- मैंने यहां तबाही देखी थी लेकिन ईश्वर की कृपा से…

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ धाम पहुंचे। प्रधानमंत्री ने बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना की, जिसके बाद गुरु शंकराचार्य की मूर्ति का अनावरण किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी आदि शंकराचार्य जी की समाधि की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सभी मठों, 12 ज्योतिर्लिंगों, अनेक शिवालयों, शक्ति धाम,अनेक तीर्थ क्षेत्रों पर देश के गणमान्य महापुरुष, पूज्य शंकराचार्य परंपरा से जुड़े हुए सभी वरिष्ठ ऋषि, मनीषी और अनेक श्रद्धालु भी देश के हर कोने से केदारनाथ की इस पवित्र भूमि के साथ हमें आशीर्वाद दे रहे हैं।

पीएम मोदी ने अपने लंबे भाषण में एक तरफ उत्तराखंड के विकास का जिक्र किया तो वहीं तीर्थ स्थानों के पुनरुद्धार की बात कर हिंदुत्व के तार भी जोड़े। पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या, मथुरा, काशी और सारनाथ में चल रहे कामों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी विरासत को पुराना गौरव वापस मिल रहा है। उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि को सदियों बाद पुराना गौरव वापस मिल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक तरफ सांस्कृतिक गौरव का जिक्र कर हिंदुत्व की अलख जगाई तो वहीं उत्तराखंड में सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड का दशक है। बीते 100 सालों में जितने यात्री आए होंगे, उससे ज्यादा लोग अगले 10 सालों में ही आ जाएंगे।

मोदी ने कहा, 'बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और अपने आप को रोक नहीं पाया था। मैं यहां दौड़ा चला आया था। मैंने अपनी आंखों से उस तबाही को देखा था, उस दर्द को सहा था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। यह विकास कार्य ईश्वर की कृपा से हुआ।'

पीएम ने कहा, 'कहा जाता था कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने यह तय किया कि यहां का पानी और जवानी दोनों पहाड़ के काम आएगी। उत्तराखंड से पलायन को रोकना है। अगला दशक उत्तराखंड का है। यहां पर्यटन काफी बढ़ने वाला है।' मोदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उत्तराखंड में चार धामों से सड़क संपर्क और हेमकुंड साहिब के पास रोपवे सहित कई बुनियादी ढांचागत कार्यों की योजना है।