भारत 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मना रहा है। इस दिन जहां 200 साल की ब्रिटिश गुलामी के भारत आजाद हो रहा था, तो वहीं, देश के दो टुकड़े भी होने जा रहे थे। इसी दिन भारत से पाकिस्तान अलग हुआ। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपनी आजादी मनाता है। लेकिन, आजादी की कहानी बेहद ही दर्दनाक है। बंटवारे की त्रासदी में कई जिंदगियां तबाह हो गई। किसी को घर टूट गया तो, कई भीड़ में गुम हो गए, कोई मौत की नींद में सो गया तो किसी को जिंदा जला दिया गया। चारो ओर लूट, भय, मार काट का मंजर था। पाकिस्तान से जो ट्रेने आती उसमें वो लासों से भरी होती। पाकिस्तान के लिए तो 14 अगस्त आजादी का इतिहास बना। लेकिन, भारत के लिए ये दिन किसी विभीषिका से कम नहीं रहा। भात इस दिन को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, आज विभाजन भयावह स्मृति दिवस पर मैं उन सभी लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई और हमारे इतिहास के उस दुखद दौर में पीड़ित सभी लोगों के लचीलेपन और धैर्य की सराहना करता हूं। बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभाजन के दौरान लोगों के संघर्षों और बलिदान की याद में पिछले साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि अब से हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। पीएम मोदी ने यह घोषणा करते हुए कहा था कि बंटवारे का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता।
Today, on #PartitionHorrorsRemembranceDay, I pay homage to all those who lost their lives during Partition , and applaud the resilience as well as grit of all those who suffered during that tragic period of our history.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2022
उन्होंने कहा था कि, विभाजन के कारण सामने आई नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को पलायन करना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी। वर्ष 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान का एक मुस्लिम देश बना। उस दौरान लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। साथ ही बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने की वजह से लाखों लोगों की जान चली गई थी।