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मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को 2 साल की सज़ा, अपील के लिए मिली 30 दिन की ज़मानत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरनेम के बारे में की गयी उनकी टिप्पणी को लेकर दायर 2019 के आपराधिक मानहानि के मामले में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी पाया गया और दो साल की जेल की सज़ा सुनायी गयी।

सूरत की अदालत ने फ़ैसला सुनाया और अपने फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने के लिए उन्हें 30 दिनों के लिए ज़मानत दे दी।

भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?” का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था कि श्री गांधी ने 2019 की एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए पूरे मोदी समुदाय को ऐसा कहकर बदनाम किया था।

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को सम्बोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी।

पूर्णेश मोदी भूपेंद्र पटेल सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री थे। वह दिसंबर के चुनाव में सूरत पश्चिम विधानसभा सीट से फिर से चुने लिए गए थे।

राहुल गांधी आज पहले सूरत पहुंचे और वहां पहुंचने पर गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया।

श्री गांधी के वकील किरीट पानवाला ने कहा था कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद चार साल पुराने इस मानहानि मामले में अपना फ़ैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख़ तय की थी।

श्री गांधी आख़िरी बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए अक्टूबर, 2021 में मामले में सूरत की अदालत में पेश हुए थे।

भाजपा की मांग है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को उस टिप्पणी के लिए अब माफ़ी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ अदालत के इस फ़ैसले का स्वागत किया है।

फ़ैसले पर टिप्पणी करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि जब भी राहुल गांधी कुछ कहते हैं, वह देश और उनकी पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा करते हैं।

इस बीच, अदालत के इस फ़ैसले के विरोध में शहर के अलग-अलग जगहों पर कांग्रेस समर्थकों ने प्रदर्शन किया।