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मुसलमानों की मदद के लिए उघाया चंदा, बाप-बहन के खातों में कर दिया ट्रांसफर, अब पीसेंगी जेल में चक्की- देखें कौन हैं ये मोहतरमा

गरीबों की मदद करने के नाम पर राणा अय्यूब ने खाया पैसा

पत्राकार राणा अय्यूब पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस कर्ज किया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने मुस्लिम समाज के कल्याण के नाम पर जुटाए गए पैसे को अपने निजी कामों में खर्च किए। उन्होंने उन लाखों लोगों के साथ धोखाधड़ी की है जिन्होंने उन्हें सहायता के लिए धनराशि दिया। ED ने उनके पास से 1.77 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। ये एक्शन तब लिया गया जब हिंदू IT सेल के फाउंडर विकास सांकृत्यायन ने उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई। इस मामले में राणा  की अय्यूब से कोई जवाब नहीं आया है।

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दानकर्ताओं की दी हुई राशि के कथित तौर पर निजी इस्तेमाल से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ कार्रवाई की है। ईडी ने जांच के सिलसिले में अयूब की 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राशि कुर्क की है। ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत राणा अयूब और उनके परिवार के नाम पर सावधि जमा और बैंक में जमा राशि की कुर्की के लिए एक अस्थायी आदेश जारी किया। अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला गाजियाबाद पुलिस (उत्तर प्रदेश) की सितंबर, 2021 की प्राथमिकी पर आधारित है, जो उनके द्वारा धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए जनता से प्राप्त धन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।

FIR के मुताबिक राणा आयूब ने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म केटो (Ketto) पर कुल 2,69,44,680 रुपए का फंड जुटाया था। ये धनराशि उनकी बहन औऱ पिता के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इस राशि में से 72,01,786 रुपए उसके अपने बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इसके अलावा उसकी बहन इफ्फत शेख के अकाउंट में 37,15,072 और उसके पिता मोहम्मद अयूब वक्फ के बैंक अकाउंट में 1,60,27,822 रुपए थे। बाद में उसकी बहन और पिता के अकाउंट से ये सभी धनराशि उसके खुद के अकाउउंट में ट्रांसफर कर दी गईं। आयूब ने ED के पास सिर्फ 31,16,770 रुपए के खर्च का ब्यौरा दिया है। दस्तावेजों की पड़ताल के बाद पता चला कि, फंड़ में से सिर्फ 17,66,970 रुपए ही खर्च किए गए हैं।

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ED की माने तो, राणा ने राहत कार्यों में पैसा खर्च होने के सबूद देने के लिए फर्जी बिल बनवाए थे। निजी सफर के लिए किए गए खर्च को राहत कार्य के लिए बताया गया था। एजेंसी ने कहा है कि जांच में साफ होता है कि राणा अयूब ने पूरी प्लानिंग और व्यवस्थित तरीके से चैरिटी के नाम पर फंड जुटाया था, लेकिन फंड का इस्तेमाल पूरी तरह चैरिटी के लिए नहीं हुआ। इसके साथ ही एजेंसी का कहना है कि, राणा ने फंड्स में से 50 लाख रुपए फिक्स्ड डिपॉडिट मे जमा कराए और उन्हें राहत कार्य में इस्तेमाल नहीं किया। इसके अलावा उन्होंने पीएम केयर्स और सीएम रिलीफ फंड में कुल 74.50 लाख रुपए जमा किए।