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RDSO की रफ्तार से China की चिंता बढ़ी, 2024 तक 500 किमी घंटा की स्पीड से दौड़ेगी इंडियन रेलवे की ट्रेन!

Delhi to Lucknow only in 2.5 Hrs

आरडीएसओ की रफ्तार को देखते हुए चीन की चिंताएं बढ़ती जा रही है। आरडीएसओ ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि बिना किसी खास बदलाव और ज्यादा खर्च किए ही भारतीय ट्रेनों की रफ्तार 200 किलोमीटर हो जाएगी। अगले साल तक इसे 300 किलोमीटर प्रतिघंटा और 2024 तक 500 किलोमीटर प्रतिघण्टा करने की योजना है। इसी के साथ इंडियन रेलवे ने हवाई जहाज को मात देने की कोशिशें शुरु कर दी हैं। अब दिल्ली से लखनऊ का सफर महज ढाई घण्टे में पूरा हो जाएगा! तो क्या पहली बुलेट ट्रेन से पहले ही इंडियन रेलवे बुलेट की गति से दौड़ना शुरु कर देगी! ऐसा हम नहीं कह कर रहे बल्कि यूपी की राजधानी में स्थित आरडीएसओ ने दावा किया है। आरडीएसओ मतलब रिसर्च डिजाइन एण्ड स्टैण्डर्ड ऑरगेनाइजेशन ने कहा है कि जल्द ही इंडियन रेलवे अपनी रेलगाड़ियों की स्पीड 200 किलोमीटर प्रतिघण्टा करने जा रही है। इसके लिए 100 ट्रेनों का सेट खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।  

इंडियन रेलवे के मुताबिक इस समय राजधानी और शताब्दी जैसी कई एक्सप्रेस ट्रेन 130KM प्रति घंटे तक की रफ्तार पर चल रही हैं। ट्रेन की स्पीड 200 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाने का मतलब है कि लखनऊ से दिल्ली का सफर 2.30 घंटे में पूरा हो जाएगा जबकि दिल्ली से पटना 5 घंटे और दिल्ली से मुंबई का सफर महज 7 घंटे रह जाएगा।

रेलवे अधिकारियों का कहना कि हवाई अड्डों पर यात्रियों को प्लेन में बोर्ड होने से पहले  एयरपोर्ट पर रिपोर्टिंग करने, फिरचेक इन और सुरक्षा जांच तक तीन घण्टे तक का समय लग जाता है। इसके बाद हवाई अड्डे से बाहर आने में भी काफी समय लग जाता है। कुल मिला कर देखा जाए तो हवाई जहाज से 1000 किलोमीटर तक का सफर करने में भी उतना ही समय लगेगा जितना हवाई जहाज से लगता है। जबकि 400 से 600 किलोमीटर का सफर तो काफी कम समय में हो जाएगा। कहने का मतलब यह कि कुछ ही दिनों की बात है जब इंडियन रेलवे और हवाई जहाज से सफर का समय लगभग बराबर हो जाएगा। जबकि यात्रियों की जेब पर दबाव भी हवाई यात्रियों के मुकावले काफी कम हो जाएगा।

आरडीएसओ के एक अधिकारी के मुताबिक आरडीएसओ ने ट्रेन के दोनों सिरों पर पावर यूनिट लगाकर ट्रेनों की गति बढ़ाने और ब्रेक के समय संतुलन बनाने की तकनीकि विकसित कर ली है। दोनों सिरों पर पॉवर यूनिट के साथ ट्रेन का पटरी पर ट्रायल करने के लिए तेजी से काम चल रहा है। ध्यान रहे आरडीएसओ ने ट्रेनों के टकराव को रोकने के लिए कवच का सफल परीक्षण बीते 4 मार्च 2022 को पूरा कर लिया है। यह कवच ट्रेन में इसी साल से लगना शुरू हो जाएगा। इससे आने वाले दिनों में रेल दुर्घटना की संभावना काफी कम हो जाएगी और यह यात्रियों का सफर बेहतर और सुरक्षित करेगा।