Rohika Chagla and Jinnah: टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री तो अब इस दुनिया में नहीं रहे उनकी कल एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी मौत के बाद से कई बातें उभर कर सामने आने लगी है। जिसमें से एक उनकी पत्नी रोहिका छागला का और पाकिस्तान के पैरोकार मोहम्मद अली जिन्ना (Rohika Chagla and Jinnah) के बीच संबंध की बात को लेकर भी जमकर चर्चा हो रही है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि, साइरज मिस्त्री की पत्नि का जिन्ना (Rohika Chagla and Jinnah) के साथ क्या संबंध था। आईए जानते हैं।
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दरअसल, रोहिका छागला के पिता बैरिस्टर इकबाल छागला (barrister Iqbal Chagla) हैं, और उनके दादा मोहम्मद करीम छागला एक न्यायविद और पूर्व कैबिनेट मंत्री थे। एमसी छागला प्रसिद्ध वकील और पाकिस्तान के पैरोकार मोहम्मद अली जिन्ना के जूनियर थे। एमसी छागला बांबे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। जिन्ना को छगला की कानूनी प्रतिभा पर बहुत विश्वास था।
साइरस मिस्त्री की 4 सितंबर को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई, वह अहमदाबाद से मुंबई जा रहे थे। उनकी कार डिवाइडर से टकरा गई। खबरों की माने तो, हादसा मुंबई-अहमदाबाद नेशनल हाईवे पर सूर्या नदी चरोटी पुल पर हुआ। मिस्त्री के परिवार में उनकी पत्ननी के अलावा उनके दो बेटे जहान मिस्त्री और फिरोज मिस्त्री हैं। साइरस मिस्त्री की पत्नी रोहिका छागला लगभग तीन दशकों से उनके साथ हैं और टाटा परिवार के साथ उनकी सबसे गंभीर विवाद के दौरान वह लगातार उनके साथ खड़ी रही हैं। रोहिका का परिवार कानूनी रूप से उनके पति मिस्त्री और टाटा के बीच बोर्डरूम लड़ाई में शामिल हो गया था। 2012 में, साइरस मिस्त्री को टाटा संस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 2016 में उनके आश्चर्यजनक इस्तीफे ने भारत के दो सबसे शानदार कॉर्पोरेट परिवारों, मिस्त्री और टाटा के बीच वर्षों से चली आ रही मुकदमेबाजी और बोर्डरूम संघर्ष को जन्म दिया।
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मिस्त्री और छागला की शादी 1992 में हुई। रोहिका छागला खुद एक कॉर्पोरेट आइकन रही हैं और कुछ निजी और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों में निदेशक का पद संभाल चुकी हैं। मिस्त्री परिवार के साम्राज्य- जिसमें मुख्य रूप से रियल एस्टेट और टाटा समूह में इसकी हिस्सेदारी शामिल है-ने सामूहिक रूप से पूरे एशिया में शानदार होटल, स्टेडियम, महल और कारखाने विकसित किए हैं। साइरस मिस्त्री को टाटा समूह का नेतृत्व करने के लिए नामित किए जाने के बाद प्रसिद्धि मिली, लेकिन बाद में इस स्थिति ने देश में सबसे चर्चित कॉर्पोरेट प्रतिद्वंद्विता में से एक को जन्म दिया।