टाटा सन्स के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की बीते रविवार को एक सड़क हादसे में इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कहकर चल बसे। वहीं बीते मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है। हालांकि, अब तक भी पुलिस उनकी मर्सिडीज बेंज GLC 220 कार के एक्सीडेंट की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई है। इस हादसे के बाद से ही लग्जरी कारें बनाने वाली कंपनी मर्सिडीज की सेफ्टी पर भी कई तरह के सवाल किये जा रहा हैं। ऐसे में अब पुलिस ने जर्मन कंपनी मर्सिडीज बेंज से इसके सेफ्टी फीचर्स को लेकर जवाब-तलब किया है।
कार की डेटा रिकॉर्डर चिप कंपनी भेजी जाएगी
सड़क हादसे के तुरंत बाद पुलिस ने मर्सिडीज कंपनी (Mercedes Benz) को हादसे की सूचना दी थी। हादसे की सूचना मिलने के बाद कंपनी ने पुलिस को बताया कि हवाई जहाज की तरह मर्सिडीज बेंज में भी डेटा रिकॉर्डर चिपप होता है। कंपनी से जानकारी मिलने के बाद साइरस मिस्त्री की दुर्घटनाग्रस्त कार से चिप को निकाला गया और जर्मनी भेजा गया। इस चिप इसे डिकोड करने पर कार के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी, जिसे पुलिस से शेयर किया जाएगा।
डेटा रिकॉर्डर चिप क्या होती है?
डेटा रिकॉर्डर चिप को मर्सिडीज का ब्लैक बॉक्स भी कह सकते हैं। यह चिप गाड़ी में एयरबैग के पास लगी होती है। इस चिप में एक्सीडेंट के दौरान हुई एक्टिविटी रिकॉर्ड हो जाती है। इस चिप से गाड़ी की स्पीड, ब्रेक स्टेटस, सीट बेल्ट स्टेटस आदि की जानकारी भी पता चल जाती है।
इतनी स्पीड में दौड़ी साइरस (Cyrus) की कार
साइरस मिस्त्री जिस कार में सवार थे, वो हादसे से ठीक पहले 134 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी। इसका खुलासा कार के आखिरी CCTV फुटेज से हुआ है। रविवार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट पर कार ने चरौती चेक पोस्ट पार किया था। ये जगह हादसे वाली जगह से 20 किलोमीटर दूर थी। साइरस मिस्त्री की मर्सिडीज कार ने 20 किलोमीटर की ये दूरी सिर्फ 9 मिनट में पार कर ली थी। बता दें कि वो उदवाड़ा के पारसी मंदिर में पूजा करने के बाद मुंबई वापस आ रहे थे कि तभी पालघर के पास एक पुल पर उनकी कार हादसे का शिकार हो गई।
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वहीं पुलिस का कहना है कि एक्सीडेंट के दौरान कार की स्पीड का अनुमान वीडियो फुटेज के बेस पर लगाया जाता है। इससे सिर्फ कार की एवरेज स्पीड ही पता चल पाती है। हालांकि, अलग-अलग वक्त पर कार की स्पीड कितनी थी, इसका सटीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता। लेकिन डेटा चिप रिकॉर्डर में एक्सीडेंट के ठीक पहले कार से जुड़ी हर जरूरी जानकारी रिकॉर्ड होती है।