प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोज़गार मेला को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नयी नियुक्ति के लिए लगभग 70,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए।
सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए उत्सुक है। उन्होंने कहा, “आज भारत अपनी राजनीतिक स्थिरता के लिए जाना जाता है, जो आज की दुनिया में बहुत मायने रखता है। आज भारत सरकार को एक निर्णायक सरकार के रूप में जाना जाता है। आज सरकार अपने प्रगतिशील आर्थिक और सामाजिक फ़ैसलों के लिए जानी जाती है।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रोज़गार मेला वर्तमान सरकार की नयी पहचान बन गया है और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा और एनडीए शासित राज्य भी नियमित आधार पर इसी तरह के रोज़गार मेले आयोजित कर रहे हैं।
Prime Minister Narendra Modi distributes 70,126 appointment letters to recruits, at a Rozgar Mela. pic.twitter.com/Dg77CrXLaR
— ANI (@ANI) June 13, 2023
यह देखते हुए कि आज़ादी का अमृत काल अभी शुरू हुआ है, पीएम मोदी ने कहा कि यह उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण है, जो सरकारी सेवा में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उनके पास अगले 25 वर्षों में भारत को एक विकसित देश बनाने में योगदान देने का अवसर है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “वर्तमान के साथ-साथ आपको देश के भविष्य के लिए सब कुछ देना होगा।”
उन्होंने इस अवसर पर नए नियुक्त लोगों और उनके परिवार के सदस्यों को बधाई दी और अर्थव्यवस्था में रोज़गार और स्वरोज़गार के उभरते अवसरों के बारे में बात की।
मुद्रा योजना और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि युवा भी रोज़गार सृजक बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान करने का अभियान अभूतपूर्व है और एसएससी, यूपीएससी और आरआरबी जैसे संस्थान भी भर्ती प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और भर्ती के समय चक्र को एक-दो साल से कम कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है, क्योंकि उन्होंने आर्थिक मंदी, वैश्विक महामारी और जारी युद्ध के कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान सहित चुनौतियों की ओर इशारा किया।
उन्होंने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का हवाला दिया और कहा कि नए उद्योग रोज़गार के अवसर को बढ़ावा देते हैं। निजी क्षेत्र में रोज़गार के लाखों अवसर सृजित करने वाली वर्तमान सरकार की नीतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र का उदाहरण दिया, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में 6.5 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।
उन्होंने उल्लेख किया कि भारत में मोटर वाहन उद्योग के विकास को विभिन्न देशों में यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों और तिपहिया और दोपहिया वाहनों के बढ़ते निर्यात से देखा जा सकता है और यह कि मोटर वाहन उद्योग जो दस साल पहले 5 लाख करोड़ रुपये का था, आज 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के साथ खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का विस्तार भी हो रहा है। पीएलआई योजना से ऑटोमोटिव उद्योग को भी मदद मिल रही है।”
उन्होंने कहा कि भारत एक दशक पहले की अवधि की तुलना में अधिक स्थिर, सुरक्षित और मज़बूत देश है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि “घोटाला और जनता के पैसे का दुरुपयोग तो पहले शासन की पहचान थी”।
उन्होंने कहा कि वैश्विक एजेंसियां ईज ऑफ लिविंग, इंफ्रास्ट्रक्चर बिल्डिंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में काम को स्वीकार कर रही हैं।
पीएम मोदी ने जल जीवन मिशन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल सुनिश्चित करने के सरकार के प्रयासों के बारे में बात की।
उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन पर क़रीब 4 लाख करोड़ रुपये ख़र्च किए जा रहे हैं।
“इसकी स्थापना के समय, औसतन 100 में से 15 ग्रामीण आवासों में पानी की आपूर्ति होती थी और अब यह संख्या प्रति 100 घरों में से 62 तक पहुंच गयी है और काम तेज़ी से चल रहा है। अनुमानित 130 ज़िले ऐसे हैं, जहां पाइप के ज़रिए पानी पहुंचाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा,”इसके परिणामस्वरूप समय की बचत हुई है और कई जलजनित रोगों से मुक्ति मिली है। अध्ययनों से पता चला है कि स्वच्छ जल ने लगभग 4 लाख डायरिया से होने वाली मौतों को रोका है और लोगों के 8 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय बचत हुई है, जो पानी के प्रबंधन और बीमारियों के इलाज में ख़र्च किए गए थे।” ”
उन्होंने अभ्यर्थियों से सरकारी योजनाओं के गुणक प्रभाव को समझने को कहा।
पीएम मोदी ने “भर्ती प्रक्रिया में वंशवाद की राजनीति और भाई-भतीजावाद” की बुराइयों के बारे में बात की। उन्होंने “नौकरियों के लिए नक़द दिए जाने के घोटाले” के मुद्दे पर प्रकाश डाला, जो कि एक राज्य में सामने आया है और युवाओं को इस तरह की प्रणाली को लेकर आगाह किया।
किसी भर्ती मामले से सामने आए ब्योरे पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने पूछा कि “एक रेस्तरां में मेन्यू कार्ड के समान हर नौकरी पोस्टिंग के लिए एक रेट कार्ड कैसे तैयार किया गया था”।
उन्होंने “नौकरियों के लिए भूमि घोटाले” पर भी प्रकाश डाला, जहां देश के तत्कालीन रेल मंत्री ने कथित रूप से नौकरियों के लिए भूमि विनिमय का अधिग्रहण किया था और टिप्पणी की थी कि मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है और अदालतों में लंबित है।
प्रधानमंत्री ने युवाओं को उन राजनीतिक दलों के बारे में चेतावनी दी, जो वंशवादी राजनीति में लिप्त हैं और नौकरियों के नाम पर देश के युवाओं को लूटते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा,”एक ओर हमारे पास ऐसे राजनीतिक दल हैं, जो नौकरियों के लिए रेट कार्ड पेश करते हैं। दूसरी ओर यह वर्तमान सरकार है, जो युवाओं के भविष्य की रक्षा कर रही है। अब देश तय करेगा कि युवाओं का भविष्य किससे संचालित होगा रेट कार्ड या सुरक्षा से”।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल भाषा के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार भाषा को रोज़गार का सशक्त माध्यम बना रही है। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में भर्ती परीक्षाओं पर ज़ोर देने से युवाओं को फ़ायदा हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने सरकारी तंत्रों और तेज़ी से आगे बढ़ते भारत में जिस तरह से सरकारी कर्मचारियों के काम में तेज़ी से बदलाव आ रहा है, उसका भी ज़िक्र किया।
उन्होंने उस समय को याद किया, जब देश के आम नागरिक सरकारी दफ़्तरों में जाया करते थे और उन्होंने कहा कि आज सरकार ख़ुद अपनी सेवायें लोगों के घर तक पहुंचाकर उनके घर तक पहुंच रही है।
उन्होंने मोबाइल ऐप के माध्यम से डिजिटल सेवाओं का उदाहरण दिया, जिससे सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना आसान हो गया है और कहा कि लोक शिकायत प्रणाली को मज़बूत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि नए नियुक्त लोगों को देश के नागरिकों के प्रति पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, “आपको इन सुधारों को और आगे ले जाना है। और इन सबके साथ आपको हमेशा सीखने की अपनी प्रवृत्ति को बनाये रखना चाहिए।”
उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल iGoT की भी बात की, जिसने हाल ही में यूज़र्स आधार में 1 मिलियन का आंकड़ा पार किया और उनसे ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध पाठ्यक्रमों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा, “अमृत काल के अगले 25 वर्षों की यात्रा में आइए हम सब मिलकर एक विकसित भारत के सपने को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ें।”
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान देश भर के 43 स्थान इस कार्यक्रम से जुड़े थे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह रोज़गार मेला रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक क़दम है। इस रोज़गार मेले से रोज़गार सृजन को आगे बढ़ाने और युवाओं को उनके सशक्तिकरण और राष्ट्रीय विकास में भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने की उम्मीद है।
नए नियुक्त लोगों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर एक ऑनलाइन मॉड्यूल कर्मयोगी इनिशिएटिव के माध्यम से खुद को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिल रहा है, जहां 400 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम ‘कहीं भी किसी भी उपकरण’ सीखने के प्रारूप के लिए उपलब्ध कराए गए हैं।
Addressing the Rozgar Mela. Congratulations to the newly inducted appointees. https://t.co/MLd0MAYOok
— Narendra Modi (@narendramodi) June 13, 2023