नरेंद्र मोदी की नेतृत्व में सरकार बनने पर किसानों की आय दोगुनी करने का जो वादा किया गया था। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने एक रिपोर्ट जारी किया है, उसके मुताबिक यह लगता है कि प्रधानमंत्री ने अपना वादा पूरा कर दिया है। रिपोर्ट में किसानों की आय बीते पांच साल में दोगुनी होने का दावा किया गया है।
दरअसल, एसबीआई ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि किसानों की आय पांच साल में दोगुनी हुई है। आमदनी में यह बढ़ोतरी वित्तवर्ष 2017-18से लेकर 2021-22के दौरान हुई है। जबकि अनाज का निर्यात बढ़कर 50अरब डॉलर से अधिक हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बीते पांच वित्तवर्षों में किसानों की आमदनी में 1.3से 1.7गुना तक की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी अवधि के दौरान कुछ फसलों जैसे महाराष्ट्र में सोयाबीन और कर्नाटक में कपास की बुआई करने वाले किसानों की आमदनी दोगुना तक बढ़ी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने भी खेती से जुड़े लोगों की आमदनी पर आंकड़े जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि छह साल में किसानों की आमदनी 59फीसदी बढ़कर 10,218रुपये पहुंच गई है।
सरकार ये कदम उठाए तो…
एसबीआई रिसर्च ने सरकार को सुझाव दिया है कि किसानों की जीवन सुगमता को बढ़ाने के लिए लिवलीहुड क्रेडिट कार्ड चलाना चाहिए। इसमें किसानों की सभी तरह की जरूरतों के लिए फंडिंग की व्यवस्था की जाए। सरकार को हर साल 10लाख कार्ड जारी करने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए। इस योजना से हर साल 5.25लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कृषि लोन बांटा जा सकेगा, जिसके लिए 2027तक सिर्फ 11,320रुपये की पूंजी की जरूरत होगी।
क्रेडिट कार्ड ने बनाया मजबूत
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की मदद से किसान आर्थिक रूप से मजबूत बने हैं। साल 2014से मार्च, 2022तक सिर्फ 3.7करोड़ योग्य किसानों को ही कर्ज माफी का लाभ मिला है। किसानों को बैंक से कर्ज मिलने में आ रही मुश्किलों को केसीसी ने काफी हद तक दूर कर दिया है। वर्तमान में करीब 7.37करोड़ केसीसी सक्रिय हैं। साथ ही इससे जुड़े नियमों को भी सख्त कर दिया गया है। अगर किसान सभी ब्याज और मूलधन को चुकाकर हर साल कार्ड का नवीनीकरण कराते हैं, तो उनकी समयसीमा को 10फीसदी बढ़ा दिया जाएगा।
आमदनी बढ़ने के गिनाए कारण
1. नकदी फसलों ने दिलाया मुनाफा
2. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से बड़ा सहारा
3. फसलों की वैरायटी की खेती करने के लिए प्रेरित करना
4. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से आर्थिक आत्मनिर्भरता