Gyanvapi Masjid case:-वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर मामला पिछले महीनों से काफी जबरदस्त तरीके से गरमाया हुआ है। दरअसल, कुछ कट्टरपंथी इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना चाहते हैं ताकि हिंदु-मुस्लिम की एकता में फूट डाला जा सके। मस्जिद का सर्वे करने जब टीम पहुंची तो यहां कुछ अक्लमंदों ने आवाज उठानी शुरू की और मामले को कोर्ट में पहुंचा दिया। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश द्वारा उस क्षेत्र की रक्षा करने का निर्देश दिया जहां ‘शिवलिंग’ पाया गया था और नमाज के लिए मुसलमानों तक पहुंच प्रदान की गई थी। आज वाराणसी के ज्ञानवापी मामले का अहम दिन रहा। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले को लेकर आज अलग-अलग मामलों में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) , हाईकोर्ट और जिला अदालत में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित ‘शिवलिंग’ को सील रखने का अपना आदेश बरकरार रखने को कहा है। शीर्ष अदालत ने साथ ही संबंधित पक्ष को इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने साथ ही अगले आदेश तक उस क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ाने को भी कहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी याचिका पेंडिंग
हिंदू भक्तों की याचिका की सुनवाई को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, वकील ने बताया कि निचली अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट में इससे जुड़ी एक अपील लंबित है। शीर्ष अदालत ने 17 मई को एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था, जहां कथित ‘शिवलिंग’ मिला है। साथ ही अदालत ने मुसलमानों को ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी थी।
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दिया था शिवलिंग की सुरक्षा का निर्देश
याद दिला दें, सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई को हिंदू पक्षों की तरफ से ज्ञनवापी मस्जिद में पूजा के अधिकार की मांग करने वाली याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश को भेज दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि उसका 17 मई का अंतरिम आदेश शिवलिंग की सुरक्षा का निर्देश देता है। इसे कथित तौर पर वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान खोजा गया था।