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Kashmir से अब दूर रहना पाकिस्तानियों! NIA के प्लान से बाजवा फौज में खलबली

Jammu Kashmir Target killing

Jammu Kashmir Target killing: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की जब हर चाल फेल हो गई तो वो अपनी घटिया हरकतों पर उतर आया। आतंकी कश्मीर में बाहर से आए लोगों और कश्मीरी पंडितों (Jammu Kashmir Target killing) को निशाना बनाना शुरू कर दिया। लेकिन, आतंकियों की इन घटिया हरकतों पर भी सेना लगाम लगाएगी। इसके लिए तैयारी भी पूरी तरह से कर ली गई है। टारगेट किलिंग का सिलसिला (Jammu Kashmir Target killing) खत्म करने के लिए राज्य में कई एजेंसियां और सुरक्षाबलों ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए योजान बनाने की प्रक्रिया शुरू की है।

बीते साल अक्टूबर से लेकर अब तक जम्मू और कश्मीर में टारगेट किलिंग के आंकड़े काफी बढ़ गए थे। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को आम नागरिकों की हत्याओं के बड़ी साजिश की जांच का जिम्मा सौंपा था। एक रिपोर्ट की माने तो, कई एजेंसियां और सुरक्षाबलों ने ऐसे नागरिकों की पहचान का काम शुरू किया है, जो आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं। साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए भी योजना तैयार किया जा रहा है।

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खबरों की माने तो, कहा जा रहा है कि, गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा समीक्षा को लेकर हुई बैठक के बाद एजेंसियों ने काम शुरू कर दिया था। अलग-अलग एजेंसियों के अधिकारियों ने भी जमीनी स्तर पर जानकारी जुटाने के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था। बैठक में टारगेट किलिंग्स को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं और पैटर्न्स, डेटा और अन्य जानकारी को एनेलाइज कर संभावित लक्ष्यों की पहचान का फैसला किया गया और इस संबंध में निर्देश दिए गए थे।

खुफिया एजेंसियों को ग्राउंड लेवल इंटेलिजेंस देने के लिए कहा गया है। साथ ही स्तानीय प्रशासन से इन संभावित लक्ष्यों की सुरक्षा की योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। इस संबंध में इस महीने बैठक भी हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार, पता चला है कि सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की तरफ से जोखिम भरे इलाकों और लोगों की पहचान करने के बाद केंद्रीय बलों को उन्हें सुरक्षा देने के लिए कहा जाएगा। चूंकि, एक-एक व्यक्ति को सुरक्षा मुहैया कराना मुमकिन नहीं है। इसलिए एजेसियां अलग-अलग एक्शन प्लान पर काम कर रही हैं। बता दें कि, आर्टिकल 370 हटाने के बाद से 118 नागरिकों की हत्या हो चुकी है।