कोरोना फिर से एक अलग रुप में लौट रहा है। फिर केस बढ़ने लगे है। नया वैरिएंट कई देशों में फैल चुका है। अब इसे लेकर कई तरह के दावे किए जान रहे हैं कि ये वैक्सीन से भी नहीं रुकेगा। इस बीच शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ साउथ ईस्ट एशिया के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने आशंका जाहिर की है कि इस वैरिएंट के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता कम हो सकती है।
डॉ खेत्रपाल ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता कम हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ टीकों के प्रभावशीलता की सटीक जानकारी के आकलन में अभी कुछ और सप्ताह लगेंगे। उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन को हल्का समझकर खारिज नहीं करना चाहिए। भले ही ओमिक्रॉन में गंभीर बीमार होने का मसला क्यों न हो लेकिन इसके मामले एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित कर सकती है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा साक्ष्य के आधार पर ओमिक्रॉन पिछले किसी भी वैरिएंट की तुलना में अधिक तेजी से फैलता हुआ नजर आ रहा है। दक्षिण अफ्रीका के आंकड़े बताते हैं कि ओमिक्रॉन के साथ खतरा एक बार फिर से बढ़ सकता है। हालांकि, ठोस निष्कर्ष निकालने के लिए अधिक डेटा की आवश्यकता है। ओमिक्रॉन से डेटा अभी तक सीमित हैं। आने वाले हफ्तों में ओमिक्रॉन से जुड़े मामलों की गंभीरता के बारे में अधिक जानकारी आने की उम्मीद है।
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