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Gyanvapi Masjid से शिवलिंग हुआ प्रकट, काशी में रात भर हर-हर महादेव की गूंज, आज कोर्ट में क्या होगा- देखें रिपोर्ट

नंदी की प्रतीक्षा पूरी, Gyanvapi से प्रकट हुए शिवलिंग

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान वजू करने वाली जगह पर शिवलिंग मिलने और नंदी मिलने के बाद जिले की सीनियर डिविजन कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दे दिया है और साथ ही वजू करने पर रोग लगा दी है। वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकर करते हुए कोर्ट ने शिवलिंग वाली जगह को सील करने का आदेश दिया। इस सर्वे में कई बातें निकल कर आई हैं। शिवलिंग के साथ ही इतिहास भी बाहर आ गया है।

हिंदू पक्ष के वकीलों में से एक विष्णु जैन ने 'बाबा का शिवलिंग' मिलने पर अपने एक बयान में बताया कि, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में स्तिथ नंदी भगवान जो महादेव की ओर देख रहे हैं, उसके ठीक सामने जो वजूखाना है, उसके ठीक बीच कुंए जैसे आकार की दीवार बनी हुई थी, उसके बीच में ही शिवलिंग देखा गया है। उन्होंने और उनकी टीम ने जो शिवलिंग को देखा है उसके मुताबिक शिवलिंग 4 फीट व्यास का है, और 3 फीट ऊंचा है। उन्होंने कहा कि, ऐसा लगता है कि यह शिवलिएं और भी नीचे तक जाएगा क्योंकि, इसके पीछे से एख रास्ता जा रहा है, जो इसके नीचे तक जाता है, चूंकि वो दीवार बंद है। कोर्ट ने उस जगह को सील करने और उसकी सुरक्षा में CRPF की तैनाती की है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में स्थित नंदी भगवान के ठीक सामने 83 फीट की दूर पर वजूखाने के बीचों-बीच मिला है। उन्होंने कहा कि, पहले उसमें से पानी नहीं निकाला जा रहा था, मुस्लिम पक्ष कर रहा था कि पानी निकालने की जरूरत नहीं है क्यों ये एक फव्वारा है और मछलियां मर जाएंगे, लेकिन सर्वे कर रहे कमिश्नर ने कहा कि वहां पानी कम किया गया, जिसके बाद उसे देखा गया है। फव्वारे को लेकर उन्होंने कहा कि, जब कल वजूखाने की तरफ फोटोग्राफी हो रही थी तब वजूखाने की तरफ कुंए जैसा आकार दिखाई दे रहा था, तो हमे लगा कि इसकी भी फोटो ली जानी चाहिए क्योंकि, ये ज्ञानकूप या एक कुंआ हो सकता है, जो इस मस्जिद परिसर के अंदर है। पानी कम करने के बाद उस चीज की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। इस जमीन पर व्यास परिवार का मालिकाना हर है और उनकी ओर से नक्शा भी दिखाया गया है। जिसपर उन्होंने कहा कि, हमारे पास सभी विकल्प खुले हुए हैं। फिलहाल अदालत में हमेरी 7 याचिकाएं लबंति हैं, जिसमें मालिकाना हक, पूजा आ अधिकार की भी मांग की गई है।