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ISRO कब लॉन्च करेगा सूर्य मिशन? जानिए कितना होगा बजट,चन्द्रयान से कितना होगा अलग?

ISRO जल्द लॉन्च करने वाला है सूर्य मिशन आदित्य एल-1

चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की नजर सूर्य पर है। इसरो जल्द ही अपने सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च करने वाला है। इसरो के इस मिशन के बाद सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा।

अब सवाल ये है कि आख़िर ISRO अपने पहले सूर्य मिशन यानी आदित्य एल-1 को कब लॉन्च करेगा,साथ ही इस मिशन के लिए कितना बजट होगा? इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी।

चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग और वहां से डेटा कलेक्शन की शुरुआत के बाद ऐसा माना जाने लहा कि ISRO चांद को मुट्ठी में कर लिया है,अब सूरज की बारी है जहां इसरो को अपनी धमक बनाने की बारी है।हमारे देश के वैज्ञानिकों का इरादा और दृढ़ संकल्प तो यही दर्शाती है। यही वजह है कि भारत चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के जरिए इतिहास रचने के बाद अब अपने पहले सोलर मिशन (Solar Mission Aditya L1) को भी लॉन्च करने जा रहा है।

कब लॉन्च होगा सूरज मिशन के लिए आदित्य एल-1 ?

ISRO  की ओर से पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग की तारीख की घोषणा कर दी गई है। आदित्य एल-1 को इसरो 2 सितंबर के दिन सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने इसकी घोषणा 28 अगस्त को कर दी है।

सूर्य मिशन का क्या है मकसद?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO का आदित्य एल-1 पहला सूर्य मिशन है। इसे लॉन्च करते भारत सौर वायुमंडल यानी क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता का अध्ययन करेगा। जिसके बाद कोरोना से बड़े पैमाने पर निकलने वाली ऊर्जा के रहस्यों से भी पर्दा उठ जाएगा।

साथ ही इस मिशन की सफलता के बाद ISRO आयनित प्लाज्मा की भौतिकी और अंतरिक्ष के मौसम की गतिशीलता के बारे में जरूरी जानकारी जुटाना चाहता है।

सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी

पहला सूर्य मिशन यानी आदित्य एल-1 करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएगा। इसे लैंग्रेज बिंदु यानी एल-1 तक पहुंचने में चार महीने लगेंगे। आदित्य एल-1 को लैंग्रेज बिंदु की पास की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। लैंग्रेज बिंदु का मतलब अंतरिक्ष में मौजूद उस प्वाइंट से होता है, जहां दो अंतरिक्ष निकायों जैसे सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आकर्षण और प्रतिकर्षण का क्षेत्र उत्पन्न होता है।

इसरो का आदित्य एल-1 सात पेलोड लेकर अपनी मंजिल तक पहुंचेगा। इन पेलोड के जरिए इसरो को फोटोस्फेयर यानी प्रकाश मंडल, क्रोमोस्फेयर यानी सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपर की सतह और कोरोना यानी सूर्य की सबसे बाहरी परत के अध्ययन में मदद मिलेगी।

आदित्य एल-1 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से लॉंच किया जाएगा। आदित्य एल-1 को PSLV-C57 के जरिए लॉन्च किया जाएगा। चन्द्रयान-3 को भी यहीं से लॉन्च किया गया था।

कितना होगा आदित्य एल-1 का बजट?

ISRO का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 मिशन का बजट करीब 400 करोड़ रुपये हैं। आदित्य एल-1 को दिसंबर 2019 से बनाना शुरू किया गया था। वहीं आदित्य एल-1 के लॉन्चिंग को देखने के लिए जल्द ही पंजीकरण की शुरुआत की जाएगी।

भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग को देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह है,इसके लिए इसरो ने एक लिंक जारी किया है। इस लिंग https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp के जरिए लोग आवेदन कर श्रीहरिकोटा के लांच व्यू गैलरी से लॉन्चिंग देख सकते हैं।

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